कोरोना संक्रमण रोकने के उपाय कितने प्रभावी हैं ?

  कोरोना महामारी में वैज्ञानिक अनुसंधानों से क्या मदद मिली ?

   जनता से लिए गए टैक्स के पैसे सरकार जिन वैज्ञानिक अनुसंधानों पर खर्च करती है उन अनुसंधानों से क्या लाभ हुआ!इतनी बड़ी महामारी के बिषय में वैज्ञानिक क्या पूर्वानुमान लगा पाए ?क्या यह बता पाए कि कोरोना कब कहाँ क्यों पैदा हुआ ? इसके पैदा होने का कारण क्या है ?इसका विस्तार कितना है ?प्रसार माध्यम क्या है ?इसकी अंतरगम्यता कितनी है ?संक्रमितों की संख्या घटने बढ़ने का कारण क्या है ?तापमान और वायुप्रदूषण बढ़ने घटने   से क्या संबंध है ?मौसम से क्या संबंध है ?कोरोना महामारी कब तक रहेगी क्या यह पूर्वानुमान लगाया जा सका !ऐसा कुछ भी नहीं खोजा जा सका है जिससे यह विश्वास हो सके कि हमारे वैज्ञानिक कोरोना महामारी को समझने में सफल हुए हैं !

    रही बात वैक्सीन की तो दिसंबर 2020 में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन कम होती जा रही थी तभी 8 दिसंबर को ब्रिटेन में वैक्सीन लगनी शरू हुई थी 13 दिसंबर से वहाँ कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा था | इसी प्रकार  भारत में वैक्सीन लगते ही संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है !भारत के जिन प्रदेशों में जितनी अधिक वैक्सीन लगी वहाँ कोरोना संक्रमण उतना अधिक बढ़ा है |ऐसी परिस्थिति में कोरोना संक्रमण बढ़ने में वैक्सीन की कितनी भूमिका है ये तो अनुसंधान का बिषय है किंतु कोरोना संक्रमण घटाने में वैक्सीन से अभी तक कोई मदद नहीं मिल पाई है | कुल मिलाकर कोरोना संक्रमण से निपटने में वैज्ञानिक अनुसंधानों से अभी तक कोई मदद नहीं मिल सकी है | 





     कोरोना के बिषय में अफवाहें फैलाना सरकार का काम नहीं है !

      केंद्र सरकार में तैनात स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खतरा जताते हुए देश वासियों से कोरोना गाइडलाइंस का पालन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अगले चार हफ्ते हमारे लिए बहुत क्रिटिकल हैं !

17 अप्रैल 2020 को प्रकाशित :गृह मंत्रालय के आंतरिक सर्वेक्षण में पता चला है कि मई के पहले सप्ताह में कोरोना के मरीजों की संख्या में काफी तेजी देखने को मिलेगी. हालांकि, इसके बाद कोरोना मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगेगी.!

09 May 2020केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, जल्द फ्लैट ही नहीं रिवर्स हो जाएगा कोरोना ग्राफ  ! 

   11-अक्टूबर2020 को भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्री जी ने कहा था कि सर्दी बढ़ने पर कोरोना संक्रमितों की संख्या अधिक बढ़ जाएगी !
 
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल 

 24 अप्रैल 2020  को नीति आयोग के सदस्य और चिकित्सा प्रबंधन समिति के प्रमुख वीके पॉल ने एक अध्ययन पेश किया था , जिसमें उन्होंने भविष्यवाणी की थी -"देश में कोरोना संक्रमण के नए मामले 16 मई तक खत्म हो जाएंगे. 

  26 Apr 2020 07:12 AMआईआईटी कानपुर ने कहा -"भारत जल्द ही कोरोना संकट से उबरेगा !

10 Oct 2020 को नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि दिल्ली में सर्दियों में कोरोना से हालात बिगड़ सकते हैं। औसतन रोजाना 15 हजार मरीज आ सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन :   विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के महानिदेशक कि यदि गरीब देशों को कोरोना वैक्‍सीन समय पर और सही मात्रा में नहीं मिलेगी तो इस जानलेवा महामारी को खत्‍म करने में न सिर्फ दिक्‍कत आएगी बल्कि इसमें अधिक देरी भी होगी। विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य दिवस से दो दिन पहले किए गए एक ट्वीट में उन्‍होंने वैक्‍सीन की हर देश में जरूरत और इसकी उपलब्‍धता पर जोर दिया है। 
    वैक्सीन जिन देशों में जब से लगनी प्रारंभ हुई तभी से कोरोना संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने लगी है | जैसे जैसे वैक्सीनेशन बढ़ता जा रहा है वैसे वैसे कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है !ब्रिटेन में दिसंबर के पहले  सप्ताह तक बिना किसी दवा या वैक्सीन आदि के कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनों दिन कम होती जा रही थी | इसी बीच 8 दिसंबर 2020 से वैक्सीन लगाना प्रारंभ कर दिया गया तो 13 दिसंबर 2020 से कोरोना संक्रमण अचानक बढ़ने लगा !
      इसी प्रकार भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन क्रमिक रूप से कम होती जा रही थी !इसी बीच वैक्सीन लगाना प्रारंभ कर दिया गया !उसके तुरंत बाद कोरोना संक्रमण अचानक बढ़ने लगा तबसे घटने का नाम ही नहीं ले रहा है | 
      भारत के बिषय में विशेष बात एक और है कि भारत के जिन  प्रदेशों ने वैक्सीन लगवाने में जितनी अधिक  सक्रियता दिखाई है उन प्रदेशों में कोरोना संक्रमण उतना अधिक बढ़ा है | ऐसा ही कुछ अन्य देशों प्रदेशों में भी होते देखा गया है | 
     ऐसी परिस्थिति में वैक्सीन लगवाना प्रारंभ करने से कोरोना संक्रमण  बढ़ने का क्या संबंध है ?

   

 

   मास्क लगाने या लॉकडाउन न लगाने से कोरोना रुक जाता है क्या ?

      सरकारें आखिर किस अनुसंधान से मिली जानकारी पर विश्वास करके विश्वास लॉकडाउन लगा देती हैं या मास्क न लगाने वालों चालान करने लगती हैं | ऐसा करने से क्या कोरोना संक्रमण रोकने में मदद मिलती है यदि ऐसा है तो उसके प्रमाण क्या हैं और यदि नहीं है तो सरकारें ऐसा करने के लिए समाज को बाध्य क्यों करती हैं ! जनता को जहाँ एक ओर महामारी सताती है वहीँ दूसरी ओर अधूरे अनुसंधानों पर भरोसा करके सरकार भी जनता को ही सताने लगती है | 

 

 कर कामकाज ठप्प क्यों कर देती हैं | जनता एक ओर महामारी से पीड़ित होती है तो दूसरी ओर अपनी सक्रियता दिखाने के नाम पर सरकारें जनता को सताने लगती हैं |जनता के टैक्स का पैसा सरकारें जिन अनुसंधानों पर खर्च करती हैं  यदि ऐसा है तो उसके वैज्ञानिक प्रमाण क्या हैं और यदि ऐसा नहीं है तो सरकारें मास्क न लगाने पर चालान क्यों करती हैं और

सरकारें जवाब दें

 

 वैज्ञानिक यह नहीं बतावें आखिर कोरोना पैदा कैसे हुआ ? वैज्ञानिक जब तक यह नहीं बता पाते हैं तब तक उनके द्वारा बताई गई दूसरी बातों पर विश्वास कैसे कर लिया जाए कि वे जो कह रहे हैं उसमें कुछ सच्चाई भी होगी !वे कहते हैं कोरोना संक्रमण बढ़ने का कारण मास्क न लगाना है ! 

दो गज दूरी न बनाना या सैनिटाइज न करना या लॉकडाउन न लगाना है या पृथकबास न करना है !तो सरकार लोगों को मास्क

      

 

आज वही लोग समझते हैं कि

 

  कोरोना संक्रमितों की संख्या घटने और बढ़ने का कारण क्या है ?

        भारत में कोरोना संक्रमण 6 मई 2020 तक बढ़ता जा रहा था उसके बाद बिना किसी चिकित्सा के अपने आप  से ही कम होने लगा था जो अगस्त पहले सप्ताह तक क्रमशः कम होता चला जा रहा था ! उसके बाद फिर कोरोना संक्रमण अपने आपसे बढ़ने लगा था जो 24 सितंबर तक क्रमशः बढ़ता चला गया इसके बाद फरवरी 2021 के अंत तक बिना किसी उपाय के कोरोना संक्रमण  क्रमशः कम होने लगा फरवरी अंत से फिर बढ़ने लगा जो अभी तक क्रमशः बढ़ता ही जा रहा है | 

 

     कोरोना के बढ़ने में ऐसा कोई  प्रत्यक्ष कारण नहीं दिखाई  पड़ रहा है और कोरोना संक्रमण के घटने में ऐसा कोई प्रभावी उपाय नहीं दिख रहा है | ऐसी परिस्थिति में कोरोना संक्रमण पैदा होने तथा कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ने घटने के लिए जिम्मेदार वास्तविक कारण क्या हो सकता है ?
 
कोरोना महामारी प्रारंभ होने एवं कोरोना संक्रमण बढ़ने घटने का वास्तविक कारण क्या है ?
     कोरोना महामारी  हर वर्ष तो नहीं प्रारंभ होती है सन 2019-2020 में ऐसा क्या विशेष घटित हुआ जिससे इतनी बड़ी महामारी पैदा हो गई !
      

       कोरोना संक्रमण रोकने के उपाय कितने प्रभावी हैं ?

           दो गज दूरी का पालन न कर पाने ,मास्क न लगा पाने वाले ,सैनिटाइजर आदि  प्रयोग न कर पाने वाले गरीबों मजदूरों या घनी बस्तियों में रहने वाले लोगों को कोरोना  संक्रमण से उतना अधिक संक्रमित होते नहीं  गया जितना उन्हें संक्रमित होते देखा गया जिन्होंने ऐसे उपायों का पालन बहुत अधिक किया था !कोरोंटाइन भी रहे कुछ  खरीदने लिए घर से निकले भी नहीं !इम्युनिटी बढ़ाने के लिए मेवा मिष्ठान आदि खाते रहे उनमें से बहुत  लोगों को कोरोना संक्रमण हुआ किंतु जो लोग ऐसे लोगों के घर सामान पहुँचाते

 

 

 

 

कोरोना संक्रमण अधिक तेजी से क्यों बढ़ा है ?

   इसके  कारण की  भी खोज होनी चाहिए कि आखिर वैक्सीन लगने वाले देशों प्रदेशों में अन्य स्थानों की अपेक्षा

 

प्रदेशों में जब से वैक्सीन लगनी प्रारंभ हुई है तबसे कोरोना संक्रमण बढ़ाना शुरू हुआ है जितनी अधिक वैक्सीन लगी है

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