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मध्यम खंड

प्रकृति परिचय    प्रकृति में कुछ भी अचानक नहीं घटित होने लगता है सब कुछ सुनियोजित है|प्रकृति सृष्टि के आरंभिक काल से ही किसी अज्ञात शक्ति के अनुशासन से अनुशासित है या फिर स्वानुशासित है |कंप्यूटर प्रोग्रामिंग की तरह अनंत काल से समस्त प्राकृतिक घटनाएँ अपने अपने समय पर घटित होती जा रही हैं | ऋतुएँ अपने अपने समय पर आती जाती रहती हैं | सूर्य समय पर उदित एवं अस्त होता रहता है |अमावस्या  पूर्णिमा जैसी तिथियाँ अपने अपने समय पर घटित होती रहती हैं |ऐसी घटनाओं का क्रम तो आदि काल से निर्धारित है एक जैसा है | ऐसी घटनाएँ हमेंशा से एक निश्चित समय के अंतराल से घटित होती देखी जा रही हैं इनके समय में बार बार बदलाव नहीं होता है | इनका यह क्रम आदि काल से ही चला आ रहा है |          सूर्य चंद्र ग्रहण जैसी प्राकृतिक घटनाएँ  केवल अमावस्या और पूर्णिमा जैसी तिथियों में ही घटित होती हैं किंतु ऐसी घटनाएँ प्रत्येक अमावस्या और पूर्णिमा जैसी तिथियों में नहीं घटित होती हैं फिर भी किस अमावस्या और पूर्णिमा में ग्रहण पड़ेगा और किसमें नहीं पड़ेगा|कितने बजे से कितने बजे तक पड़ेगा | कौन ग्रहण कुल कितने समय तक