7 नंवबर 2024 से प्रारंभ हुआ है ,13 फरवरी 2025 से बढ़ना शुरू होगा (कुंभ में सूर्य शनि)15मार्च से(मीन में सूर्य राहु) 14 अप्रैल से 5 मई तक सूर्य के अलग होने से रोग ठहरेगा !5 मई से 17 मई तक मीन में शनि और राहु दोनों ही हैं फिर धीरे धीरे शांत होगा !
10 जून से 1 अगस्त तक केतु मंगल सिंह राशि में साथ साथ होंगे
18 अगस्त से 18 सितंबर तक सूर्य और केतु सिंह में रहेंगे !
19 सितंबर 2025 से 24 जनवरी 2026 तक शनि तथा राहु कुंभ राशि में ,इसमें बक्री 19 सितंबर से18 नवंबर तक शनि बक्री रहेंगे | उसके बाद मार्गी होंगे |
14 फरवरी 2026 से सूर्य और 24 फरवरी 2026 से मंगल भी कुंभ राशि में राहु के साथ रहेंगे !15 मार्च 2026 से सूर्य मीन राशि के शनि के साथ आ जाएंगे जबकि मंगल राहु के साथ ही रहेंगे
माननीय प्रधानमंत्री जी !
सादर नमस्कार
विषय : महामारी की आगामी लहर के विषय में पूर्वानुमान निवेदन हेतु |
महोदय,
मैं प्राकृतिक वातावरण में हो रहे छोटे बड़े सभी परिवर्तनों को निरंतर बहुत सूक्ष्म दृष्टि से देखता आ रहा हूँ | 1 जनवरी 2024 से सुदूर आकाश से लेकर पृथ्वी तक समस्त प्राकृतिक वातावरण अस्वाभाविक रूप से अत्यंत आंदोलित होता दिखाई दे रहा है | स्वर शास्त्र के आधार पर इसका गणितीय अनुसंधान करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि स्वरों का संचार अपनी प्रवृत्ति के विपरीत हो रहा है | आकाश तत्व के समय सुषुमणा पथ पर सूर्य की रश्मियाँ नीलिमा युक्त बिषैली होती दिखाई दे रही हैं | ऐसे और भी छोटे बड़े अनेकों परिवर्तनों को प्रकृति के प्रत्येक अंश में उभरते देखा जा रहा है |
ऐसे समस्त प्राकृतिक लक्षणों को देखकर ऐसा लगता है कि प्राकृतिक वातावरण में किसी नई महामारी के निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है | यह घटना प्रशांत महासागर के मध्य भाग में उभरती हुई दिखाई दे रही है |ये महारोग कोरोना महामारी की तरह ही डरावना हो सकता है | 29 जून 2024 से प्राकृतिक वातावरण दिनोंदिन प्रदूषित होते देखा जा सकता है |इसी बीच कुछ देशों में महामारी जनित संक्रमण के बढने की प्रक्रिया प्रारंभ हो सकती है |यद्यपि इसकी गति धीमी होगी फिर भी 14 नवंबर 2024 के पहले पहले महामारी का एक झटका लग सकता है | इसे प्राकृतिक शक्तियों के द्वारा किया जाने वाला महामारी का ट्रायल कहा जा सकता है |
5 अप्रैल 2025 से महामारीजनित संक्रमण अत्यंत तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई
देगा | संभव है कि ये कोरोना महामारी की दूसरी लहर की तरह ही विशेष डरावना
स्वरूप धारण करे | जिसमें विश्व का बड़ा भाग संक्रमित हो जाए | वैश्विक
दृष्टि से देखा जाए तो भिन्न भिन्न देशों में महामारी का यह तांडव 2025 के अप्रैल
मई दोनों महीनों में देखने को मिल सकता है | यद्यपि इसके बिल्कुल स्पष्ट
लक्षण सितंबर 2024 तक प्रकट हो जाएँगे | जिन्हें परोक्ष विज्ञान के द्वारा
देखा जा सकेगा |आवश्यकता पड़ी तो उस समय इस पूर्वानुमान की तारीखों में 10
प्रतिशत तक परिवर्तन करना पड़ सकता है |
अतएव आपसे विनम्र निवेदन है कि ऐसी संभावित महामारी से बचाव के लिए अभी से सतर्कता बरतनी शुरू कर देनी चाहिए !
निवेदक :
-डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
A-7\41 कृष्णानगर -दिल्ली - 51
मोबाईल : 9811226983
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