23 दिस॰ 2020, 10:22 pm
कोरोना वैक्सीन बनाने के बिषय में हमारे द्वारा पीएमओ को भेजी गई मेल -
23 दिस॰ 2020, 10:22 pm
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माननीय प्रधानमंत्री जी
सादर नमस्कार
बिषय : कोरोना वैक्सीन लगाने के बिषय में वेद विज्ञान का मत निवेदन करने हेतु !
महोदय,
आपसे मेरा विनम्र निवेदन है कि अच्छी प्रकार परीक्षण करवाकर ही
कोरोना वैक्सीन लोगों को लगाने की अनुमति दी जानी चाहिए |वेद वैज्ञानिक
दृष्टि में मैं संपूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि ब्रिटेन में फैल रहा
कोरोना वायरस का नया स्वरूप लोगों को लगाए जा रहे कोरोना वायरस
के दुष्प्रभाव हो सकते हैं |
जो रोग प्राकृतिक है या मनुष्यकृत ,उस महामारी का स्वभाव क्या है ? उसके निश्चित लक्षण
क्या क्या हैं ?उसका विस्तार कितना है ?उसके प्रसार का माध्यम क्या है ?वो
प्रारंभ कब हुआ उसकी अनुमानित समाप्ति कब होगी आदि बातों के बिषय में जिन
वैज्ञानिकों के द्वारा आज तक कुछ भी पता नहीं लगाया जा सका है उन्हीं
वैज्ञानिकों के द्वारा महामारी से मुक्ति दिलाने के लिए टीका बना लेने का
दावा केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि
महामारी से संक्रमितों की संख्या बिना किसी दवा या वैक्सीन के स्वयं ही
दिनोंदिन तेजी से कम होती जा रही है |केवल श्रेय लेने की होड़ में सम्मिलित
लोगों के द्वारा वैक्सीन के रूप में एक नई समस्या को जन्म दिया जा सकता है |
ऐसी परिस्थिति में देश और समाज की सुरक्षा के लिए विशेष सतर्कता संयम एवं
सावधानी की आवश्यकता है | वैसे भी यदि कोरोना महामारी भारत वर्ष में लगभग
समाप्त हो ही चुकी है तो किसी वैक्सीन के रूप में एक नए प्रकार की समस्या
मोल लेने की आवश्यकता ही आखिर क्या है ?
श्रीमान जी!किसी भी रोग से मुक्ति दिलाने अथवा उसकी दवा या वैक्सीन
बनाने के लिए सबसे पहले चिकित्सा के सिद्धांत के अनुशार उस रोग का स्वभाव
लक्षण संक्रामकता वेग विस्तार आदि समझना आवश्यक होता है अन्यथा उस रोग की
चिकित्सा किस आधार पर की जा सकती है और उसकी दवा या वैक्सीन कैसे बनाई जा
सकती है?
मान्यवर !वेदवैज्ञानिक होने के नाते आपसे मैं केवल इतना ही निवेदन करना
चाहता हूँ कि बिना वैक्सीन लाए ही भारतवर्ष में कोरोना लगभग समाप्त हो ही
चुका है जो रहा बचा है वह भी अतिशीघ्र समाप्त हो जाएगा (इसका पूर्वानुमान
मैं 16 जून को ही आपको भेज चुका हूँ |)
ऐसी परिस्थिति में यदि वैक्सीन नहीं लगाई जाती है तब तो कोरोना
अतिशीघ्र समाप्त हो ही जाएगा क्योंकि वातावरण में अब कोरोना वायरस के
उत्पन्न होने की प्रक्रिया समाप्त हो चुकी है और भारत समेत समस्त विश्व को
कोरोना के इस नए स्वरूप से अब डरने की आवश्यकता बिलकुल ही नहीं है | यदि
वैक्सीन लगाई जाती है तो ब्रिटेन की तरह ही उसके द्वारा फैलने
वाले संक्रमण विस्तार का अनुमान मुझे नहीं है |मेरे अनुसंधान के अनुसार
कोरोना जैसी महामारी से मुक्ति दिलाने वाली वैक्सीन निर्माण वाले दावे बहुत
विश्वसनीय नहीं हैं |
निवेदक :
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
पीएच डी (BHU)
A-7\41,कृष्णानगर,दिल्ली-51
9811226983 \9811226973
विशेषबात:किंतु
इसी बीच वैक्सीन देना शुरू कर दिया गया | उसके दुष्प्रभाव होने ही थे
ब्रिटेन आदि में भी ऐसा ही हुआ था 8 दिसंबर 2020 के पहले कोरोना संक्रमितों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही थी 8 दिसंबर को
वैक्सीन देते ही कृत्रिम कोरोना(नयास्ट्रेन) तैयार होने लगा और
संक्रमितों की संख्या अचानक बढ़ने लग गई यही अमेरिका वगैरह में हुआ था | 16
जनवरी 2021 को भारत में कोरोना वैक्सीन प्रारंभ नहीं की गई !उसके बाद यहाँ
भी संक्रमितों की संख्या बढ़ने लगी जबकि उसके पहले सामान्य रूप
कोरोना समाप्त हो चुका था |
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