मंगल, 20 अक्तू॰ 2020, 3:15 pm
कोरोना संक्रमण सर्दी में बढ़ने के बिषय में हमारे द्वारा पीएमओ को भेजी गई चौथी मेल -
कुछ महीनों से देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे थे । इस बीच, कुछ ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं, जिसमें दावा किया गया कि ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हो सकती है !
स्वास्थ्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी ने कहा कि सर्दियों में कोरोना बढ़ सकता है
11 अक्टूबर 2020 को भारत सरकार में स्वास्थ्यमंत्री डॉ. हर्षवर्धन जी ने सोशल मीडिया इंटरेक्शन कार्यक्रम 'संडे संवाद' में कहा कि SARS Cov 2 एक रेस्पिरेट्री वायरस है और ऐसे वायरस को ठंड के मौसम में बढ़ने के लिए जाना जाता है। रेस्पिरेट्री वायरस ठंड के मौसम और कम आर्द्रता की स्थिति में बेहतर तरीके से पनपते हैं।इसलिए भारतीय संदर्भ में, यह मानना गलत नहीं होगा कि सर्दियों के मौसम में मामलों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है।मंत्री जी ने यूरोपीय देशों का भी उदाहरण दिया, जिसमें विशेष तौर पर ब्रिटेन के बारे में बताया, जहां पर ठंड के मौसम में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि देखी गई थी।
वैक्सीन एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्षडॉ. वीके पॉल जी ने कहा कि सर्दियों में कोरोना बढ़ सकता है
10 अक्टूबर 2020 को भारत में वैक्सीन के लिए बनी वैक्सीन एक्सपर्ट कमेटी के अध्यक्ष और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का एक वक्तव्य:"सर्दियों में कोरोना के मामले बढ़ सकते हैं दिल्ली में सर्दियों में कोरोना से हालात बिगड़ सकते हैं। औसतन प्रतिदिन 15 हजार मरीज आ सकते हैं।
इनके अतिरिक्त कई अन्य कोरोना विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने सर्दी में कोरोना संक्रमण बढ़ने की संभावना व्यक्त की है जिसे
आधार बनाकर तरह तरह की अफवाहें फैलाई जा रही थीं सर्दी में कोरोना संक्रमण
बढ़ने बिषय में सरकारों से लेकर समाज वातावरण व्याप्त था | उससमय अपनी
जिम्मेदारी समझते हुए अपने गणितागत अनुसंधान आधार पर मैंने सरकार से लेकर
समाज तक अपनी पहुँच की सीमा में सबको इस बात के लिए मैंने आश्वस्त करने
का प्रयास किया था कि कोरोना संक्रमण सर्दी की ऋतु में बिल्कुल नहीं बढ़ेगा
इस बिषय में यह मेल मैंने पीएमओ को भेजी थी यथा -
मंगल, 20 अक्तू॰ 2020, 3:15 pm माननीय प्रधानमंत्री जी सादर नमस्कार बिषय :कोरोना महामारी का संक्रमण सर्दी में बढ़ने एवं इससे संबंधित अनुसंधानों के बिषय में - महोदय, कोरोनासंक्रमण के बिषय में विश्व के जिन विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों के द्वारा अभी तक जो जो कुछ बताया गया है वो प्रायः विरोधासी रहा है उसमें वैज्ञानिक चिंतन एवं प्रमाणिकता का अभाव रहा है | कोरोना के बिषय में उनके द्वारा आज तक दिए गए प्रत्येक वक्तव्य में केवल आशंकाएँ अंदाजे आदि ही दिखाई देते रहे हैं | वैज्ञानिक अनुसंधान जैसा कुछ भी सामने नहीं लाया जा सका है जिससे प्राप्त अनुभवों के द्वारा कोरोनामहामारी का सामना करने में समाज को थोड़ी भी मदद मिल सकी हो | मान्यवर !आप स्वयं सोचिए जिन वैज्ञानिक अनुसंधानों के द्वारा कोरोना महामारी में होने वाले निश्चित रोग लक्षणों का पता नहीं लगाया जा सका ,कोई औषधि नहीं खोजी जा सकी ,इसके बिषय में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सका,इसके समाप्त होने के बिषय में कोई पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सका ! उन्हीं लोगों के द्वारा वैज्ञानिक अनुसंधानों के नाम पर अब कहा जा रहा है कि आगे आने वाली सर्दियों में कोरोना का संक्रमण और अधिक बढ़ सकता है |ऐसे अनुसंधान देश और समाज के लिए आखिर किस प्रकार से उपयोगी हो सकते हैं ?कुलमिलाकर ऐसे वैज्ञानिक अध्ययनों की कोरोना महामारी से निपटने में कोई प्रभावी भूमिका नहीं रही है |ये बात मैं संपूर्ण जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूँ जिसे सिद्ध करने के लिए मेरे पास पर्याप्त प्रमाण हैं | आदरणीय ! ऐसी परिस्थिति में वैक्सीन बनाने के बिषय में भी कुछ ऐसा ही दिखाई पड़ रहा है | सभी महामारियों की तरह ही अबकी बार भी वैज्ञानिक लोग तब तक कोरोना वैक्सीन बनाते रहेंगे जब तक कोरोना अपने आप से समाप्त नहीं हो जाएगा | हमारे अनुसंधान के अनुशार 16 नवंबर 2020 में कोरोना महामारी बिना किसी दवा या वैक्सीन आदि के ही संपूर्ण रूप से हमेंशा हमेंशा के लिए समाप्त हो जाएगी | कोरोना के समाप्त होते ही वैक्सीन बना लेने का दावा कर दिया जाएगा क्योंकि उसके बाद परीक्षण संभव ही नहीं होगा और यदि संभव हो भी तो उसका समाज हित में उपयोग आखिर क्या होगा क्योंकि कोरोना महामारी इसी रूप में अब कभी नहीं आएगी !आज के लगभग 87 वर्ष बाद जो बड़ी महामारी आएगी भी उसका स्वरूप इतना अधिक बदला होगा कि यह वैक्सीन उस पर प्रभावी नहीं होगी | श्रीमान जी !महामारियों के बिषय में अनुसंधान के लिए हमारे द्वारा अपनाई जाने वाली गणितीय विधा अधिक सही एवं सटीक है जिसके आधार पर मैंने 19 मार्च 2020 को आपको एक मेल भेजा था जिसमें लिखा था -"कोरोना हवा में व्याप्त है इसके लक्षण नहीं पहचाने जा सकेंगे,इसकी कोई वैक्सीन या औषधि नहीं बनाई जा सकेगी !केवल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर ही अपना बचाव किया जा सकता है | उसमें यह भी लिखा था कि 6 मई से कोरोना समाप्त होने लगेगा |" महोदय ! सब कुछ वैसा ही हुआ है पहले चरण का कोरोना 6 मई से समाप्त भी होने लगा था | इसके बाद मैंने 16 जून 2020 को आपको एक मेल भेजा था जिसमें कोरोना के दूसरे चरण के बिषय में लिखा था -"कोरोनासंक्रमण 9अगस्त 2020 से बढ़ना प्रारंभ होगा जो क्रमशः 24 सितंबर 2020 तक बढ़ता जाएगा | इसके बाद 25 सितंबर से कोरोनासंक्रमण समाप्त होना प्रारंभ होगा जो क्रमशः 16 नवंबर तक समाप्त होता चला जाएगा | "महोदय ! अभी तक सब कुछ ऐसा ही होता चला आ रहा है 16 नवंबर तक संक्रमण लगभग समाप्त हो जाएगा ऐसा मैं पूर्ण विश्वास के साथ कह सकता हूँ | महोदय !मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि महामारियों से संबंधित अनुसंधान के बिषय में हमारी यह विधा अत्यंत उपयोगी एवं प्रभावी है |विश्व के वैज्ञानिक जिस कोरोना महामारी के बिषय में कुछ भी बता पाने में असमर्थ रहे हैं | उसी महामारी को संपूर्ण रूप से समझने में जो गणितविधा सबसे अधिक उपयोगी है वह न केवल इस प्रकार के अध्ययनों के लिए बहुत सहायक हो सकती है अपितु इसको प्रचारित करके भारत अपनी एक अलग पहचान भी बना सकता है | सरकार चाहे तो मैं ऐसे किसी भी अनुसंधान में सहयोग करने के लिए उत्साहित हूँ | निवेदक डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
ज्योतिषाचार्य,व्याकरणाचार्य,
एम. ए. हिंदी,पी.जी.डी.पत्रकारिता Ph.D. हिंदी(ज्योतिष) B.H.U
फ्लैट नं 2 ,A-7 /41,कृष्णानगर,दिल्ली -51 मो.9811226983 |
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