भारत पाकिस्तान के संबंध -
भारत पाकिस्तान के संबंध
सन 2015 सितंबर तक भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध बहुत अच्छे नहीं थे इसी बीच न्यूयॉर्क में 28 सितंबर 2015 सोमवार को यूएन पीसकीपिंग समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दोनों नेता एक दूसरे के सामने बैठे रहे सामना होने पर हाथ हिलाकर एक-दूसरे का अभिवादन तो किया किंतु दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई !
इसके बाद 26-10-2015 को दिन में 2.30 बजे अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में एक भूकंप आया था जिसका केंद्र हिंदूकुश था ! वैदिक अनुसंधान के अनुशार यह भूकंप दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को मधुर बनाने वाला था -
इस भूकंप के प्रभाव से इसी दिन अर्थात 26 अक्तूबर 2015 को ही पाकिस्तान से गीता भारत लौटी थी !
इसके बाद 22 नवंबर 2015 को 6:23 सायं अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में एक भूकंप आया जिसका केंद्र हिंदूकुश था !भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों को मधुर बनाने वाला था |इस भूकंप का प्रभाव आगामी 30 दिनों तक रहना था |
इसी भूकंप के प्रभाव से 30 नवंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री जी से नवाजशरीफ पेरिस में मिले दोनों की चर्चा भी हुई ! दोनों लोगों की यह मुलाकात पेरिस में जलवायुपरिवर्तन पर हो रही बैठक से अलग हुई थी ! इसके बाद
25-12 -2015 को मोदी जी पाकिस्तान गए थे इसका पता लगने पर देश में
विपक्षियों के द्वारा भारत पाक संबंधों को लेकर तरह तरह की आशंकाएँ व्यक्त
की जाने लगीं | उन आशंकाओं का निवारण करने के लिए
उसी
रात्रि में एक ऐसे भूकंप को आना पड़ा था | वेद वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार
पर मैंने उस भूकंप के अभिप्राय का पता लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी जी का पाकिस्तान जाना
भारत और पाकिस्तान के संबंधों को मधुर बनाने में सहायक होगा |
इसके बाद 2जनवरी 2016 को पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत में पठान कोट पर हमला कर दिया उससे संपूर्ण भारत में दुःख एवं पाकिस्तान के प्रति आक्रोश बढ़ना स्वाभाविक ही था इसके बदले में भारत पाकिस्तान के विरुद्ध कुछ वैसी ही कठोर सैन्य प्रतिक्रिया देने के बिषय में सोचता उससे पहले ही उसी दोपहर अर्थात 2जनवरी 2016 को 2.15 PM 5.8 तीव्रता के भूकंप को आना पड़ा था ताकि भारत और पकिस्तान के बीच मधुरता की ओर बढ़ रहे आपसी संबंधों में कोई कटुता न आ जाए |
2जनवरी 2016 को 2.15 PM 5.8 तीव्रता के भूकंप के अभिप्राय को मैंने वेद वैज्ञानिक अनुसंधान
पूर्वक समझा तो ये भी शांति सद्भाव का समर्थक था |
इसके आधार
पर मैंने अनुमान लगाया कि संभव है पठानकोट वाले आतंकी हमले में पाकिस्तान की
सरकार का सीधा समर्थन न हो ये हमला पाकिस्तान के किसी आतंकी गुट ने व्यक्तिगत रूप से किया हो | अतएव पठानकोट में पाकिस्तानी आतंकियों के द्वारा किए गए आतंकी हमले में पाकिस्तान सरकार को सम्मिलित समझ कर पाकिस्तान
के विरुद्ध कोई उसी प्रकार की प्रतिक्रिया देने ,में सरकार को जल्दबाजी
नहीं करनी चाहिए !इसलिए इस भूकंप का प्रयोजन था कि अभी आपसी भरोसा किया
जाना चाहिए !
कुलमिलाकर मेरे अनुसंधान के अनुशार दो जनवरी 2016 को आए भूकंप का संकेत मात्र इतना था कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत को जो भयंकर चोट दी है सैनिकों के बहुमूल्य जीवन खोने पड़े हैं इस असह्य आपदा से घबड़ाकर भारत शांति के प्रयासों से अपने कदम कहीं पीछे न खींच ले !
कुलमिलाकर मेरे अनुसंधान के अनुशार दो जनवरी 2016 को आए भूकंप का संकेत मात्र इतना था कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत को जो भयंकर चोट दी है सैनिकों के बहुमूल्य जीवन खोने पड़े हैं इस असह्य आपदा से घबड़ाकर भारत शांति के प्रयासों से अपने कदम कहीं पीछे न खींच ले !
इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान में था।इससे भारत पाकिस्तान में तो तनाव बढ़ा ही इसके साथ साथ इस भूकंप के प्रभाव से अफगानिस्तान ने 4 फरवरी को तालिबान के ठिकानों पर हमला किया जिसमें 12 आतंकी मारे गए !इसी दिन काबुल में तालिबान का एंबुलेंस पर बम हमला हुआ जिसमें 95 लोगों की मौत हुई थी | इसी भूकंप के प्रभाव से 23 फरवरी की रात्रि को अफगान मिलिट्री बेस पर तालिबानी हमले में 22 लोगों की मृत्यु हुई थी |
ये भूकंप पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए तनाव देने वाला था | इसलिए निकट भविष्य में ये किसी ऐसी घटना के घटित होने की सूचना दे रहा था जो भारत और पकिस्तान दोनों के लिए ही हितकर नहीं थी |
2016-08-31 सुबह तड़के पाक और -चीन में भूकंप !
घटना :4-9-2016 मोदीजी और ओबामा की अत्यंत मधुर मुलाकात हुई थी जिसमें अन्य बातें तो हुई ही होंगी इसके साथ ही ओबामा ने जीएसटी पर प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन भी किया था |
इस घटना से पाकिस्तान और चीन दोनों का ही तनाव बढ़ना स्वाभाविक ही था |
पाकिस्तान और भारत में -10-5-2018 समय 20.1 बजे ,तीव्रता 6.6 ,'सूर्यज' भूकंप !
इस भूकंप प्रभाव से पाकिस्तान की ओर से आरएसपुरा सेक्टर में फायरिंग, BSF का एक जवान शहीद 3 जख्मी ! 21 मई को आरएसपुरा, रामगढ़ और अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी, !22 मई को पाकिस्तान बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात, सीमा पार से लगातार गोलाबारी में 12 लोगों की मौत; दर्जनों घायल !
इस भूकंप प्रभाव से पाकिस्तान की ओर से आरएसपुरा सेक्टर में फायरिंग, BSF का एक जवान शहीद 3 जख्मी ! 21 मई को आरएसपुरा, रामगढ़ और अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी, !22 मई को पाकिस्तान बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात, सीमा पार से लगातार गोलाबारी में 12 लोगों की मौत; दर्जनों घायल !
26 -10-2015 से पहले भारत
और पाकिस्तान के संबंध आपस में तनाव पूर्ण ही चल रहे थे तभी तो
अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भी भारत और पाकिस्तान के प्रधान मंत्रियों को एक
दूसरे से दूरी बनाकर रहते देखा जाता था |
इसी बीच भारत और पाकिस्तान में लगातार तीन संयुक्त भूकंप क्रमशः आए ये तीनों भूकंप एक ही प्रजाति के थे जो भारत और पकिस्तान के आपसी संबंध मधुर बनाने का संकेत दे रहे थे !
26 -10-2015 को हिंदूकुश में भूकंप आया था जिसके झटके हिंदूकुश से पाकिस्तान होते हुए भारत तक आए थे-
वैदिक विज्ञान के अनुशार इस भूकंप के आने का उद्देश्य अनुसंधान पूर्वक पता लगाकर ही मैंने इस भूकंप के प्रभाव को ब्लॉग पर प्रकाशित किया था जिसमें आज तक कभी कोई संशोधन नहीं किया गया है ये है वो लेख -
यथा - "ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा दोनों देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे । इस भूकंप का प्रभाव आगामी 6 महीनों तक रहेगा !"
वैदिक विज्ञान के अनुशार इस भूकंप के आने का उद्देश्य अनुसंधान पूर्वक पता लगाकर ही मैंने इस भूकंप के प्रभाव को ब्लॉग पर प्रकाशित किया था जिसमें आज तक कभी कोई संशोधन नहीं किया गया है ये है वो लेख -
यथा - "ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा दोनों देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे । इस भूकंप का प्रभाव आगामी 6 महीनों तक रहेगा !"
घटना : इसीदिन पाकिस्तान ने उदारता का परिचय देते हुए इसी दिन भारत की बेटी गीता को भारत वापस भेजा था !
दूसरा भूकंप : 25(26) -12 -2015 को भी हिंदूकुश में भूकंप आया था जिसके झटके हिंदूकुश से पाकिस्तान होते हुए भारत तक आए थे !
चूँकि अक्टूबर में आए भूकंप का दोनों देशों के बीच मित्रता प्रभाव 6 महीने
तक ही रहना था जो समय बीतने के साथ साथ दिनों दिन कम होता जा रहा था उसी
के समर्थन में 25(26) -12 -2015 को दूसरा भूकंप
आया था जो भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों को और अधिक मधुर बनने के
संकेत दे रहा था |मैंने इसके बिषयमें उसी दिन अपने ब्लॉग पर था "भारत
पाकिस्तान की सरकारें आपसी विवाद निपटाने का प्रयास जितना करेंगी उससे कई
गुना अधिक सफलता मिलेगी किंतु इसका विशेष असर लगभग साठ दिन तक रहेगा उसके
बाद घटता जाएगा !"
घटना : इसीदिन भारत के प्रधान मंत्री जी उदारता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से मिलने पाकिस्तान गए थे |
तीसरा भूकंप :
2 जनवरी 2016 को आया और उसका केंद्र भी हिंदूकुश ही था ये भी हिंदूकुश से
भारत तक आया था यह भी भारत और पाकिस्तान में मित्रता बढ़ने का संकेत दे रहा
था |
इसमें विशेष बात ये है कि पिछले अक्टूबर एवं दिसंबर में आए दोनों भूकंप
भारत और पाकिस्तान के आपसी संबंधों को मधुर बनाने के संकेत दे रहे थे इसी
बीच 2 जनवरी 2016 को पठानकोट में आतंकी हमला हो गया !
ये आतंकी भी पाकिस्तान से ही आए बताए जाते हैं |
ऐसी परिस्थिति में पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच दिनोंदिन बढ़ती जा रही आपसी मित्रता की प्रक्रिया पर विराम लग जाना स्वाभाविक ही था |भारत भी अपने पठानकोट हमले के बदले में पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दे सकता था !
दोनों देशों के बीच क्रिया प्रतिक्रिया के रूप में ये तनाव बहुत अधिक बढ़ न जाए इसलिए इसीदिन अर्थात
2 जनवरी 2016 को ही दोनों देशों के बीच यह तीसरा शांति समर्थक भूकंप आ गया |
10-4-2016 को एक भूकंप आया था
इस भूकंप से भी अफगानिस्तान पाकिस्तान और पूर्वोत्तर भारत प्रभावित हुआ था !वेद वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुशार इस भूकंप से संबंधित देशों के बीच संभावित आपसी संबंधों के बिषय में मैंने अपने ब्लॉग पर उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं न कोई संशोधन किया !यथा -"यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी संबंध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे निकट भविष्य में भारत पाक के बीच आपसी सम्बन्धों में कटुता इतनी अधिक बढ़ती चली जाएगी कि अभी से सतर्कता बरती जानी बहुत आवश्यक है ।इसलिए उचित होगा कि भारत पड़ोसी देश पर कम से कम अक्टूबर 2016 तक विश्वास करना बिलकुल बंद कर दे पड़ोसी के द्वारा कभी भी कैसा भी कोई भी विश्वासघात संभव है !"
इसके बाद हुआ भी कुछ ऐसा ही था - 26 -10
-2015 के भूकंप के प्रभाव से चले आ रहे पडोसी देश पकिस्तान के साथ सहजता की
ओर बढ़ते संबंध 10-4-2016 के बाद अचानक कटुता पूर्ण होने लग गए थे और आगामी 6
महीने तक निरंतर बिगड़ते ही चले गए थे !ये इस भूकंप का ही उग्र
प्रभाव था अथवा ये कह लिया जाए कि इस प्रकार का प्राकृतिक सामाजिक आदि
वातावरण बनना था इसलिए भूकंप ने इसकी अग्रिम सूचना दी थी !
13 -4-2016 को एक भूकंप आया था ! इसका केंद्र म्यांमार था किंतु चीन तथा पूर्वोत्तर भारत समेत बहुत बड़े भूभाग को इस भूकंप ने प्रभावित किया था
वैदिकविज्ञान के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख - "भूकंप (13 -04-2016) के प्रभाव से भारत और चीन के आपसी संबंध होंगे मधुर !ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सद्भावना का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत चीन संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत चीन संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।" इस भूकंप के बाद चीन के साथ भारत के संबंधों में भी मधुरता आई थी |
इसके बाद इसी म्यांमार में आया दूसरा भूकंप आया था जिससे म्यांमार से लेकर पूर्वोत्तर भारत में पश्चिम बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,बिहार ,झारखंड,उड़ीसा ,असम, अरुणाचलप्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम आदि में भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। कोलकाता, पटना, दरभंगा, गुवाहाटी और लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप ने पहले वाले भूकंप के फल को बिल्कुल बदल दिया -"भारत एवं चीन के आपसी संबंध विश्वसनीय न रहने की उद्घोषणा - वैदिक विज्ञान के अनुशार इस भूकंप का संदेश मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख - " पूर्वोत्तर भारत में असंतोष पनपेगा !यहाँ के लोग आपस में एक दूसरे के साथ हिंसक वर्ताव करने लगेंगे !चीन,बांग्लादेश आदि पर विश्वास करना भारत सरकार अविलम्ब बंद कर दे अन्यथा चीन की ओर से भारत को कभी भी कोई भी बड़ी से बड़ी चोट दी जा सकती है भारत सरकार को चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए चीनसे किसी भीप्रकार की न कोई मेल मिलाप संबंधी बात करे और न ही चीन की किसी बात पर भरोसा करे" । हमारे द्वारा अपने ब्लॉग पर लिखी गई यह वैदिक भूकंपीय सूचना भी सच साबित हुई थी भारत और चीन के साथ संबंधों में भी उत्तेजना बढ़ने लग गई थी !
13 -4-2016 को एक भूकंप आया था ! इसका केंद्र म्यांमार था किंतु चीन तथा पूर्वोत्तर भारत समेत बहुत बड़े भूभाग को इस भूकंप ने प्रभावित किया था
वैदिकविज्ञान के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख - "भूकंप (13 -04-2016) के प्रभाव से भारत और चीन के आपसी संबंध होंगे मधुर !ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सद्भावना का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत चीन संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत चीन संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।" इस भूकंप के बाद चीन के साथ भारत के संबंधों में भी मधुरता आई थी |
इसके बाद इसी म्यांमार में आया दूसरा भूकंप आया था जिससे म्यांमार से लेकर पूर्वोत्तर भारत में पश्चिम बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,बिहार ,झारखंड,उड़ीसा ,असम, अरुणाचलप्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम आदि में भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। कोलकाता, पटना, दरभंगा, गुवाहाटी और लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस भूकंप ने पहले वाले भूकंप के फल को बिल्कुल बदल दिया -"भारत एवं चीन के आपसी संबंध विश्वसनीय न रहने की उद्घोषणा - वैदिक विज्ञान के अनुशार इस भूकंप का संदेश मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख - " पूर्वोत्तर भारत में असंतोष पनपेगा !यहाँ के लोग आपस में एक दूसरे के साथ हिंसक वर्ताव करने लगेंगे !चीन,बांग्लादेश आदि पर विश्वास करना भारत सरकार अविलम्ब बंद कर दे अन्यथा चीन की ओर से भारत को कभी भी कोई भी बड़ी से बड़ी चोट दी जा सकती है भारत सरकार को चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए चीनसे किसी भीप्रकार की न कोई मेल मिलाप संबंधी बात करे और न ही चीन की किसी बात पर भरोसा करे" । हमारे द्वारा अपने ब्लॉग पर लिखी गई यह वैदिक भूकंपीय सूचना भी सच साबित हुई थी भारत और चीन के साथ संबंधों में भी उत्तेजना बढ़ने लग गई थी !
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