भूकंप और मौसम
हिमाचल (सिरमौर) में 'सूर्यज'भूकंप :24-9-2018 को दिन में 2.22 बजे भूकंप ,तीव्रता 3.7
घटना : हिमाचल में इस समय भारी बारिश से हर तरफ तबाही मची हुई है। सोमवार को बारिश के बीच लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। यह भूकंप हिमाचल में वर्षा की समाप्ति की घोषणा करने आया था !
rajnish.ranjan, Ramesh डॉ.साहब सादर नमस्कार !
इस समय हिमाचल में घनघोर वर्षा हो रही है उसी बीच आज दोपहर 24-9-2018
दोपहर 2. 22 बजे शिमला में भूकंप आया है जिस भूकंप का निर्माण सूर्य से
हुआ था अतएव अब शिमला में सूर्य का प्रभाव बढ़ेगा जिससे बर्फ पिघलेगी
वातावरण बदलेगा तापमान बढ़ेगा और शिमला में चल रही घोर बरिस तत्काल बंद
होने की सूचना देता है यह भूकंप ! इसलिए वर्षा आज से अचानक बंद हो जाएगी !
केवल इसी बात की घोषणा करने आया था यह भूकंप !
Updated 25 Sep 2018 12:31 PM"हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद मिली राहत, मनाली हाइवे पर 2 दिन बाद खुला ट्रैफिक | ABP NEWS HINDI ABP न्यूज -Updated 25 Sep 2018 12:31 PM"
बारिश की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश को थोड़ी राहत मिली है. मनाली हाइवे पर ट्रैफिक फिर से खुल गया है. मंडी के पंडोह डैम में पानी की स्तर घटने लगा है.24 सितंबर शाम से हिमाचल में पानी नहीं बरसा है !पंडोह डैम के सुपरिंटिंडेन्ट इंजीनियर ने कहा कि मौसम विभाग ने 24 और 25 सितम्बर को भीषण बारिस का पूर्वानुमान बताया था इसीलिए हिमाचल पंजाब आदि में 25 सितम्बर को स्कूल कालेज तक बंद कर दिए गए हैं जबकि 25 तारीख़ को बिलकुल पानी ही नहीं बरसा है बल्कि धूप निकली है हाइवे खुल चुका है ये है|
बारिश की मार झेल रहे हिमाचल प्रदेश को थोड़ी राहत मिली है. मनाली हाइवे पर ट्रैफिक फिर से खुल गया है. मंडी के पंडोह डैम में पानी की स्तर घटने लगा है.24 सितंबर शाम से हिमाचल में पानी नहीं बरसा है !पंडोह डैम के सुपरिंटिंडेन्ट इंजीनियर ने कहा कि मौसम विभाग ने 24 और 25 सितम्बर को भीषण बारिस का पूर्वानुमान बताया था इसीलिए हिमाचल पंजाब आदि में 25 सितम्बर को स्कूल कालेज तक बंद कर दिए गए हैं जबकि 25 तारीख़ को बिलकुल पानी ही नहीं बरसा है बल्कि धूप निकली है हाइवे खुल चुका है ये है|
भूकंप गुजरात कच्छ में -14-9-2018 ,तीव्रता 2.5, समय 3.27PM
घटना :गुजरात के कच्छ क्षेत्र में आज से वर्षा समाप्ति की घोषणा कर रहा है ये भूकंप !
भूकंप :रानीखेड़ा (राजस्थान )में 27-5-2018 समय 10.00 PMबजे ,,'वातज' भूकंप
घटना :दिल्ली, हरियाणा के आसमान में छाई राजस्थान से आई धूल !राजधानी दिल्ली में गर्म हवा और धूल का छाया गुबार. प्रदूषण का स्तर 5 से 10 गुणा तक बढ़ा.| जून के प्रारंभ से दिल्ली और आसपास के इलाक़े में प्रदूषण का स्तर ख़तरे के निशान के
पार पहुंचा हुआ है, ऐसा अमूमन सर्दियों में होता है, लेकिन इन गर्मियों में
दिल्ली का मौसम भी कुछ ऐसा ही हो गया है. दिल्ली की गर्मी में सर्दियों वाला प्रदूषण, माजरा क्या है?केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक़ इस धूल भरी आंधी के पीछे राजस्थान से आई हवा ज़िम्मेदार है.
भूकंप - हिमाचल (किन्नौर ) 21-5-2018 को 4.21pm बजे तीव्रता 4.1'चन्द्रज' भूकंप ! शिमला।
हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में सोमवार को भूकंप के झटके महसूस किए
हैं। किन्नौर के अधिकांश हिस्सों में शाम 4. 21 बजे भूकंप के हल्के झटके
महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.1आंकी गयी है।
" शिमला में बादल फटा, भारी नुकसान का अनुमान; फिर शुरू हुई बारिश"
भूकंप - हिमाचल (चंबा) 12-5-2018 को 9.30 बजे तीव्रता 3.0'चन्द्रज' भूकंप ! 13 May 2018, 03:35:00 PMउत्तराखंड में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग देहरादून ने राज्यभर में 5 दिनों तक खराब मौसम से संबंधित चेतावनी जारी की है।अंदेशा लगाया जा रहा है कि अगले पांच दिनों तक चारधाम यात्रा रोकी जा सकती है।
भूकंप - हिंदूकुश से भारत तक 9-5-2018 को 16.15 बजे तीव्रता 6.2 'चन्द्रज' भूकंप !
अफगानिस्तान सीमा पर भूकंप से कांपी दिल्ली-एनसीआर, जम्मू कश्मीर की धरती !बुधवार
9-5-2018 को दोपहर बाद अफगानिस्तान सीमा के नजदीक ताजिकिस्तान में हुए भूकंप से
राजधानी दिल्ली और एनसीआर की धरती कांप उठी। तीव्रता 6.2 अफगानिस्तान की राजधानी काबुल की
इमारतें हिल उठी और उसका असर पाकिस्तान के कई शहरों में महसूस किया गया। भूकंप का केन्द्र
अफगानिस्तान में हिन्दूकुश की पहाड़ियों में था। पाकिस्तान के इस्लामाबाद और पेशावर के उत्तर-पश्चिमी
शहरों में भूकंप का असर महसूस किया गया। भारत में पंजाब, हरियाणा और जम्मू कश्मीर में करीब 4
बजकर 15 मिनट पर महसूस किया गया। राजस्थान के कुछ हिस्सों में आज दोपहर बाद
भूकंप का हल्का झटका महसूस किया गया। मौसम विभाग के अनुसार दोपहर बाद कुछ
सेकंड्स के लिये भूकंप का यह झटका जयपुर और अजमेर में महसूस किया
गया !
घटना:8 मई, 2018 1:45 AMहिमाचल के मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश, ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी !हिमाचल प्रदेश के मध्य और निचले पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश हुई. वहीं राज्य के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई.भारी बारिश और आंधी-तूफान की चेतावनी जारी की गई है |
भूकंप :दिल्ली सहित समूचे उत्तर भारत में -31 -1 -2018 समय दोपहर 12.35 बजे ,तीव्रता 6 . 1 ,' भूकंप !यह भूकंप बहुत गर्म होता है
इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर,
उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में भी महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर
भूकंप की तीव्रता 6.1 मापी गई है, वहीं भूकंप का केंद्र पड़ोसी देश
अफगानिस्तान (हिंदूकुश) में था।हिमाचल के सभी जिला में भूकंप के झटके महसूस
किए गए।
इस भूकंप के बिषय में मैंने ब्लॉग पर प्रकाशित किया था - "वर्तमान वायु में शोषण का गुण विशेष बढ़ जाने से कृषि के क्षेत्र में विशेष असर पड़ेगा !आनाज की उपज की मात्रा काफी अधिक घट जाएगी तैयार अनाज पकने की अपेक्षा बहुत तेजी से सूखते चले जाएँगे जिससे पैदावार आशा की अपेक्षा बहुत कम रह जाएगी !"
घटना:Feb 3, 2018, 08:00AM IST घटना मौसम में बड़ी तेजी से हुआ बदलाव, 25 डिग्री तक पहुंचा तापमान ! पिछले सात सालों में 24 फरवरी सबसे गर्म दिन!12 सालों में पहली बार इतनी गर्म रही दिल्ली की सर्दी !
गर्मी ने तोड़ा रेकॉर्ड, फरवरी में आया 'अप्रैल !समय से पहले आई गर्मी गेहूँ का उत्पादन घटा देगी !11 -3 -2018 को पारा पहुँचा 33 डिग्री !
भूकंप :गुजरात में -29 -3 -2018 समय 4.3 AM बजे ,तीव्रता 4.6 ,'सूर्यज' भूकंप !यह भूकंप बहुत गर्म होता है|
घटना:अहमदाबाद। अभी तो गर्मी की शुरूआत ही हुई है, यह तकरीबन तीन महीने तक रहेगी। वहीं गुजरात के जलाशयों में अब केवल 38.57 प्रतिशत पानी शेष रह गया है। कच्छ के डैम में 14.38 प्रतिशत, सौराष्ट्र में 25.93 और उत्तर गुजरात में केवल 37.19 प्रतिशत पानी बचा है।
हिंदू कुश में आए ये तीन भूकंप तीनों एक ही प्रजाति के थे -
26 -10-2015 को हिंदूकुश में भूकंप आया था
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं न कोई संशोधन किया !ये है वो लेख -
इस भूकंप के संकेतों को समझकर मैंने इस भूकंप के प्रभाव को ब्लॉग पर लिखा था - "भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! जबकि हिंदू कुश के आस पास समुद्र न होने के कारण संभव है कि समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का प्रकटीकरण हुआ हो हिंदूकुश जैसे स्थलों पर ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है ।दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों में आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ ,अति वृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।" इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !
25(26) -12 -2015 को हिंदूकुश में आया भूकंप !
26 -10-2015 को आया भूकंप हो या 25(26) -12 -2015 को आया भूकंप भविष्य विज्ञान की दृष्टि से यदि इसका अध्ययन किया जाए तो ये दोनों भूकम्प जल देवता की कृपा से आए थे इसलिए ये वातावरण ठंडा बनाते हैं आपसी सहनशीलता बढ़ाते हैं जिससे आपस के बैर विरोध समाप्त होते हैं चूँकि इन दोनों भूकंपों का असर भारत पाक दोनों देशों में रहा है इसलिए इसका अर्थ निकाला जाना चाहिए कि भारत पाक के आपसी संबंध सुधरेंगे ,ऐसे भूकम्पों का असर यद्यपि छै महीनों तक रहता है किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाता है वैसे वैसे कम होता जाता है। पहले भूकंप का असर अब दिनोंदिन घटने लगा था किंतु 25(26) -12 -2015 को आए भूकंप के प्रभाव से वो प्रभाव फिर से रिचार्ज हो गया है । अब भारत पाकिस्तान की सरकारें आपसी विवाद निपटाने का प्रयास जितना करेंगी उससे कई गुना अधिक सफलता मिलेगी किंतु इसका विशेष असर लगभग साठ दिन तक रहेगा उसके बाद घटता जाएगा !
तीसरी बार 2 जनवरी 2016 को भी 'जलज' भूकंप आया और उसका केंद्र भी हिंदूकुश ही था पाकिस्तान से आतंकवादी आए तो भूकंप आया !
इसमें विशेष बात ये है कि इस समय भारत और पाकिस्तान को आपस में मिलाने में ये तीनों भूकंप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे !ये तीनों ही भूकंप एक ही प्रजाति के थे इनका केंद्र भी एक ही हिंदूकुश था और ये तीनों ही भूकंप एक जैसा फल देने वाले थे अर्थात भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी शांति सद्भावना स्थापित करने वाले थे ! 26-10 -2015 का समर्थन करने के लिए ही आए थे ये दोनों भूकंप ! भारत और पाकिस्तान को आपस में मिलाने में उस समय ये भूकंप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे !तीनों भूकंप भारत और पकिस्तान से जुड़ी तीन घटनाओं के गवाह बने !पहली बार 26 अक्टूबर 2015 को 'गीता' भारत आई तो उसी दिन भूकंप आया | दूसरी बार 25 दिसंबर 2015 को मोदी जी पाकिस्तान गए तो उसी रात में भूकम्प आया !तीसरी बार 2 जनवरी 2016 पाकिस्तान से आतंकवादी आए तो भूकंप आया !
आतंकवादियों के आने पर भूकंप आने का मतलब था कि भारत में आतंकी हमला हुआ है इसलिए भारत क्रोध में आकर कहीं शांति और सद्भावना के प्रयासों से पीछे न हट जाए इसलिए इस भूकंप का प्रयोजन था कि अभी आपसी भरोसा किया जाना चाहिए !
चूँकि इस प्रजाति के भूकंप प्रबल वर्षाकारक होते हैं इसलिए इन तीनों भूकम्पों में सबसे प्रबल और मुख्यभूकंप था 26-10-2015 वाला !इसलिए 29-10-2015 को ही आकाश में घटाएँ घिर आई थीं और लगातार 60 दिनों तक तमिलनाडु में वर्षा होती रही थी !भूकंप का अधिक असर दो महीने तक रहता है और सामान्य असर 6 महीने तक रहता है इसलिए ऐसा हुआ | इसमें एक बात ध्यान देने की ये है कि तमिलनाडु में तो भूकंप आया नहीं तो वर्षा वहाँ क्यों हुई ?वस्तुतः जब कोई प्रबल भूकंप आता है जो काफी बड़ा क्षेत्र घेरे होता है उसमें इसी घटनाएँ स्थान का कुछ अतिक्रमण कर जाती हैं क्योंकि अतिवर्षा समुद्र और नदियों के किनारे होनी थी ये कारण भी हो सकता है |
देखने में भले ही ये सब महज एक संयोग लगे किंतु इन भूकंपों के विषय में प्राचीन विज्ञान की दृष्टि से अध्ययन करने पर ये पता लगता है कि इन भूकंपों के आने के 6 मास बाद तक इनके अच्छे बुरे फल होते रहते हैं यद्यपि जैसे जैसे समय बीतता जाता है वैसे वैसे भूकंपों का प्रभाव भी घटता जाता है इसीलिए एक जैसे भूकंप एक ही स्थान पर अगर बार बार रिपीट होते जा रहे हैं तो इनका कोई महत्वपूर्ण संकेत होता है विशेष परिस्थितियों में ही ऐसा होते देखा जाता है।
दो जनवरी को आने वाला भूकंप मात्र इस बात का संकेत था कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत को जो भयंकर चोट दी है सैनिकों के बहुमूल्य जीवन खोने पड़े हैं इस असह्य आपदा से घबड़ाकर भारत शांति के प्रयासों से अपने कदम कहीं पीछे न खींच ले !इसलिए उस दिन आए भूकंप के प्रभाव से पाकिस्तान को इतनी सद्बुद्धि आएगी कि वो भारत की भावनाओं के अनुरूप ब्यवहार करेगा !वैश्विक दृष्टि से भी पाकिस्तान पर ऐसा ही दबाव बनाया जाएगा जिससे पाकिस्तान सरकार भारत का भरोसा जीतने का प्रयास करे
10-4-2016 को आया 'सूर्यज' भूकंप-
इससे अफगानिस्तान पाकिस्तान और पूर्वोत्तर भारत प्रभावित हुआ था तो इसका फल भी विशेष पूर्वोत्तर भारत में ही देखा जा रहा था !
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं न कोई संशोधन किया !ये है वो लेख -
"भूकंप (10-4-2016) के कारण पड़ेगा भीषण सूखा, बढ़ेंगे अग्निकांड और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के साथ संबंध !
3-4-2016 से 10-4-2016 तक हवा में मिली हुई थी आग जो भूकंप की अग्रिम सूचना दे रही थी ।
अब जानिए क्या है भूकम्प का फल -
अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ और अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय वायुमण्डल में व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है । इसके अलावा इस समय दिशाओं में जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती हैं ।
इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि अबकी बार बहुत जल्दी ही सूखते चले जाएँगे !यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे निकट भविष्य में भारत पाक के बीच आपसी सम्बन्धों में कटुता इतनी अधिक बढ़ती चली जाएगी कि अभी से सतर्कता बरती जानी बहुत आवश्यक है ।इसलिए उचित होगा कि भारत पड़ोसी देश पर कम से कम अक्टूबर 2016 तक विश्वास करना बिलकुल बंद कर दे पड़ोसी के द्वारा कभी भी कैसा भी कोई भी विश्वासघात संभव है !
इतना ही नहीं अपितु इस भूकंप के दुष्प्रभाव से शरीर में जलन की बीमारियाँ बढ़ेंगी, तरह तरह के ज्वर फैलेंगे बिचर्चिका और बिसर्पिका जैसी त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ एवं पीलिया रोग निकट भविष्य में बहुत अधिक बढ़ जाने की सम्भावना है !सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग ओर से इस दिशा में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए !इसका विशेष दुष्प्रभाव अभी से लेकर अक्टूबर 2016 तक रहेगा किंतु जैसा जैसा समय बीतता जाएगा वैसा वैसा घटता जाएगा दुष्प्रभाव !"
इसमें विशेष बात ये है कि वैदिक विज्ञान के द्वारा की गई ये भविष्यवाणियाँ और पूर्वानुमान मुझे तो बिल्कुल सही हुए दिख रहे हैं क्योंकि आग लगने की घटनाएँ इस भूकंप के तुरंत बाद अचानक बहुत अधिक घटने लगी थीं इसी कारण तो बिहार जैसे राज्यों में दिन में हवन करने एवं खाना बनाने को रोकने की सलाह सरकारी स्तर पर दी जाने लगी थी हजारों जगह आग लगनी अचानक शुरू हो गई थी ! 9\10 अप्रैल 2016 की रात 3 बजे केरल के मंदिर में लगी आग, 110 से अधिक की मौत हुई और 350 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे !ऐसी अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ हजारों जगह घटी थीं !गर्मी भी बहुत अधिक बढ़ गई थी और दो सप्ताह के अंदर अचानक कुएँ नदी तालाब आदि या तो सूख गए थे या उनका पानी बहुत अधिक घट गया था एक गाँव के लोगों ने गाँव छोड़कर खेत केवल इसलिए रहना शुरू कर दिया कि उस कुएँ में बहुत अधिक पानी था किंतु एक सप्ताह के अंदर ही वो कुआँ सूख गया ! पानी के लिए ट्रेन चलानी पड़ी थी उसी समय एक दो सप्ताह के अंदर अंदर ही सूखने लगे थे बड़े बड़े जलाशय ! गर्मी से फैलने वाली बीमारियाँ अचानक तेजी से बढ़ने लगीं थीं !इतना ही नहीं 26 -10 -2015 के भूकंप के प्रभाव से चले आ रहे पडोसी देश पकिस्तान के साथ सहजता की ओर बढ़ते संबंध 10-4-2016 के बाद कटुता पूर्ण होने लग गए थे और आगामी 6 महीने तक निरंतर बिगड़ते ही चले गए थे !ये 'सूर्यज' भूकंप का ही उग्र प्रभाव था अथवा ये कह लिया जाए कि इस प्रकार का प्राकृतिक सामाजिक आदि वातावरण बनना था इसलिए भूकंप ने इसकी अग्रिम सूचना दी !
13 -4-2016 को आया 'चन्द्रज' भूकंप !
इसका केंद्र म्यांमार था किंतु पूर्वोत्तर भारत समेत बहुत बड़े भूभाग को इस भूकंप ने प्रभावित किया था
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख -
"भूकंप (13 -04-2016) के प्रभाव से भारत और चीन के आपसी संबंध होंगे मधुर !
13 -04-2016 को 19. 28 बजे देश के पूर्वोत्तर में आया था भूकंप ! इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में अति शीघ्र अधिक वर्षा बाढ़ से हो सकती भारी क्षति !जबकि समाज में व्याप्त असंतोष एवं आपसी बैर विरोध की भावना घटेगी और भाईचारे का वातावरण बनेगा !विशेष बात यह है कि इस भूकंप में आफ्टर शॉक्स नहीं आतेहैं !
10-4-2016 को आए भूकंप से जो जो हानियाँ होती दिख रहीं थीं13-04-2016को आए भूकंप से वो सबकुछ सामान्य होते दिख रहा है इस भूकंप के द्वारा प्रकृति ने अपने को संतुलित किया है इस भूकंप का ये सबसे बड़ा लाभ है!भारत वर्ष के दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्रों में जहाँ (10-4-2016) के भूकंप प्रभाव से भीषण सूखा पड़ेगा , अग्निकांड बढ़ेंगेऔर पाकिस्तान के साथ संबंध बिगड़ेंगे!गरमी संबंधी बीमारियाँ बढेंगी, वहीँ दूसरी ओर देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में13-04-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से अधिक वर्षा की संभावना है और भारत के पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों के साथ संबंध मधुर होंगे और उन्हीं क्षेत्रों में अधिक वर्षा की भी सम्भावना बनती है ।
13-04-2016 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ - बंधुओ ! किसी भी भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सद्भावना का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत चीन संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत चीन संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का भूकंप के रूप में प्रकटीकरण माना जाना चाहिए ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है ।
दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों में आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !
तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँअतिवृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।
10-4-2016 को आए भूकंप से बिलकुल बिपरीत अर्थात उलटे लक्षणों वाला है 13 -04-2016को आया भूकंप !इन दोनों भूकंपों के फलों में भी आकाश पाताल का अंतर होगा ! दोनों ही भूकंप अपने अपने क्षेत्रों में दिखाएँगे अपना अपना दम ख़म !"
इस भूकंप के बाद चीन के साथ भारत के संबंधों में भी मधुरता आई थी साथ ही पूर्वी भारत के पूर्वी जिलों में कुछ महीनों तक लगातार भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति बनी रही थी !यद्यपि वर्षा और बाढ़ की संभावनाएँ इस क्षेत्र में विशेष रहती ही हैं फिर भी भूकंपजनित फलों को नकारा कैसे जा सकता है !
इन दोनों भूकम्पों के विषय में विशेष ध्यान देने योग्य बात -
10-4-2016 को आए भूकंप और 13 -04-2016को आए भूकंप में केवल तीन दिन का अंतर था जबकि एक दूसरे का फल एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत अर्थात उल्टा था !दोनों एक साथ घटित होना कैसे संभव था !इसलिए दोनों भूकम्पों ने क्षेत्र अलग अलग चुना 10-4-2016 वाले भूकंप से अफगानिस्तान पाकिस्तान और भारत विशेष प्रभावित हुआ था जिसमें जम्मू-कश्मीर ,पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में भी महसूस किए गए।जबकि 13 -04-2016को आए भूकंप का केंद्र म्यांमार था जिससे कोलकाता, गुवाहाटी, बिहार, रांची और देहरादून में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र भारत और म्यांमार था भूकंप के सबसे ज्यादा झटके उत्तर- पूर्वी भारत में महसूस किए गए हैं। त्रिपुरा के अगरतला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
ऐसी परिस्थिति में जिस भूकंप का जिस क्षेत्र में जैसा असर था उस भूकंप का प्रभाव भी उसी क्षेत्र में विशेष अधिक दिखाई पड़ा था जिन क्षेत्रों में भूकम्पों का मिलाजुला असर रहा उन क्षेत्रों में दोनों भूकम्पों का फल भी मिलाजुला ही दिखाई दिया |
इसके बाद इसी म्यांमार में आया दूसरा भूकंप जिसने पहले वाले भूकंप के फल को बिल्कुल बदल दिया और इसी म्यांमार में 13-4-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से चल रही लगातार और बाढ़ को रोकने की भूकंप घोषणा हुई और भारत एवं चीन के आपसी संबंध विश्वसनीय न रहने की उद्घोषणा -
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख -
पूर्वी भारत में भूकंप के झटके 24-8-2016 \ 16.5 बजे !
भूकंप का केंद्र म्यांमार में जमीन से 58 किमी. नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। " म्यांमार से लेकर पूर्वोत्तर भारत में पश्चिम बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,बिहार ,झारखंड,उड़ीसा ,असम, अरुणाचलप्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम आदि में भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। कोलकाता, पटना, दरभंगा, गुवाहाटी और लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए।"
भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से भीषण वर्षा और बाढ़ से मची त्राहि त्राहि प्रभाव पूर्वक अब तुरंत समाप्त हो जाएगी इस भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से चली आ रही वर्षात अब तुरंत बंद हो जाएगी ! बाढ़ पे अतिशीघ्र अंकुश लग जाएगा नदियाँ कुएँ तालाब आदि बाढ़ की अतिविशाल जल राशि को अतिशीघ्र स्वयं पी जाएँगे !पूर्वी क्षेत्रों में समुद्र के समान फैला बाढ़ का यह विशाल पानी कुछ ही दिनों में अतिशीघ्र सूख कर गया कहाँ इसका अनुमान भी लगाना कठिन होगा ! भूकंप से प्रभावित बाढ़ पीड़ित प्रदेशों की असहाय सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग राहत की सांस लेगा !सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग पूर्वोत्तर भारत की जिस बाढ़ को देखकर लाचार है वह अतिशीघ्र स्वयं समाप्त हो जाएगी !यहाँ तक कि जमीन की नमी बहुत जल्दी सूख जाएगी तथा अग्नि एवं गर्मी से संबंधित प्रकोप बढ़ेंगे पित्त प्रकुपित होने से संभावित बीमारियाँ फैलेंगी !
पूर्वोत्तर भारत में असंतोष पनपेगा !यहाँ के लोग आपस में एक दूसरे के साथ हिंसक वर्ताव करने लगेंगे !चीन,बांग्लादेश आदि पर विश्वास करना भारत सरकार अविलम्ब बंद कर दे अन्यथा चीन की ओर से भारत को कभी भी कोई भी बड़ी से बड़ी चोट दी जा सकती है भारत सरकार को चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए चीनसे किसी भीप्रकार की न कोई मेल मिलाप संबंधी बात करे और न ही चीन की किसी बात पर भरोसा करे" । हमारे द्वारा अपने ब्लॉग पर लिखी गई यह वैदिक भूकंपीय सूचना भी सच साबित हुई है क्योंकि इस भूकंप के बाद वर्षा और बाढ़ अचानक घट गई थी और चीन के साथ संबंधों में भी उत्तेजना बढ़ने लग गई थी !
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के ठंडे पड़ने के बीच न्यूयॉर्क में 28 सितंबर 2015 सोमवार को यूएन पीसकीपिंग समिट में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दोनों नेता एक दूसरे के सामने बैठे सामना होने पर हाथ हिलाकर एक-दूसरे का
अभिवादन किया किंतु दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई !
1. 26-10-2015 को दिन 2.30अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में आया जिसका केंद्र हिंदूकुश था ! इसी दिन अर्थात 26 अक्तूबर 2015 को ही पाकिस्तान
से गीता स्वदेश लौटी !
2. 22 नवंबर 2015 को 6:23 pm अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में भूकंप आया जिसका केंद्र हिंदूकुश था !
इसके बाद 30 नवंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री जी से नवाजशरीफ पेरिस में मिले दोनों की चर्चा भी हुई ! दोनों लोगों की यह
मुलाकात पेरिस में जलवायुपरिवर्तन पर हो रही बैठक से अलग हुई थी !
सोमवार 7 -12-2015 को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया !पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी इसका असर पड़ा । 2.
3. 25(26) -12 -2015 को 0.44 बजे भूकंप की तीव्रता 6.5 थी !इसी दिन मोदी जी पाकिस्तान गए थे उसी रात्रि में भूकंप आया था !
4. 2जनवरी 2016 को 2.15 PM 5.8 तीव्रता का भूकंप आया !इसी दिन पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पठान कोट हमला कर दिया
2.दिल्ली में 31-1-2018 समय दोपहर 12.35 बजे ,'सूर्यज' भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 6 . 1 थी !इसका केंद्र अफगानिस्तान में था।
इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में भी महसूस किए गए हैं।
हिमाचल के सभी जिला में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में
काफी तेज महसूस किए गए।
इस भूकंप के प्रभाव से 4 फरवरी को तालिबान के ठिकानों पर हमला, 12 आतंकी मारे गए !इसी दिन काबुल में
तालिबान का एंबुलेंस बम हमला, 95 लोगों की मौत! 23 फरवरी की रात्रि को अफगान मिलिट्री बेस पर तालिबानी हमले
में 22 मरे !10 फरवरी को जम्मू में आर्मी कैंप पर आतंकी हमला !
पाकिस्तान और भारत में -10-5-2018 समय 20.1 बजे ,तीव्रता 6.6 ,'सूर्यज' भूकंप !
इस भूकंप प्रभाव से पाकिस्तान की ओर से आरएसपुरा सेक्टर में फायरिंग, BSF का एक जवान शहीद 3 जख्मी ! 21 मई को
आरएसपुरा, रामगढ़ और अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी, !22 मई को पाकिस्तान बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात, सीमा पार से
लगातार गोलाबारी में 12 लोगों की मौत; दर्जनों घायल !
26 -10-2015 को हिंदूकुश में भूकंप आया था
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं न कोई संशोधन किया !ये है वो लेख -
इस भूकंप के संकेतों को समझकर मैंने इस भूकंप के प्रभाव को ब्लॉग पर लिखा था - "भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! जबकि हिंदू कुश के आस पास समुद्र न होने के कारण संभव है कि समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का प्रकटीकरण हुआ हो हिंदूकुश जैसे स्थलों पर ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है ।दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों में आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ ,अति वृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।" इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !
25(26) -12 -2015 को हिंदूकुश में आया भूकंप !
26 -10-2015 को आया भूकंप हो या 25(26) -12 -2015 को आया भूकंप भविष्य विज्ञान की दृष्टि से यदि इसका अध्ययन किया जाए तो ये दोनों भूकम्प जल देवता की कृपा से आए थे इसलिए ये वातावरण ठंडा बनाते हैं आपसी सहनशीलता बढ़ाते हैं जिससे आपस के बैर विरोध समाप्त होते हैं चूँकि इन दोनों भूकंपों का असर भारत पाक दोनों देशों में रहा है इसलिए इसका अर्थ निकाला जाना चाहिए कि भारत पाक के आपसी संबंध सुधरेंगे ,ऐसे भूकम्पों का असर यद्यपि छै महीनों तक रहता है किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाता है वैसे वैसे कम होता जाता है। पहले भूकंप का असर अब दिनोंदिन घटने लगा था किंतु 25(26) -12 -2015 को आए भूकंप के प्रभाव से वो प्रभाव फिर से रिचार्ज हो गया है । अब भारत पाकिस्तान की सरकारें आपसी विवाद निपटाने का प्रयास जितना करेंगी उससे कई गुना अधिक सफलता मिलेगी किंतु इसका विशेष असर लगभग साठ दिन तक रहेगा उसके बाद घटता जाएगा !
तीसरी बार 2 जनवरी 2016 को भी 'जलज' भूकंप आया और उसका केंद्र भी हिंदूकुश ही था पाकिस्तान से आतंकवादी आए तो भूकंप आया !
इसमें विशेष बात ये है कि इस समय भारत और पाकिस्तान को आपस में मिलाने में ये तीनों भूकंप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे !ये तीनों ही भूकंप एक ही प्रजाति के थे इनका केंद्र भी एक ही हिंदूकुश था और ये तीनों ही भूकंप एक जैसा फल देने वाले थे अर्थात भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी शांति सद्भावना स्थापित करने वाले थे ! 26-10 -2015 का समर्थन करने के लिए ही आए थे ये दोनों भूकंप ! भारत और पाकिस्तान को आपस में मिलाने में उस समय ये भूकंप भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे थे !तीनों भूकंप भारत और पकिस्तान से जुड़ी तीन घटनाओं के गवाह बने !पहली बार 26 अक्टूबर 2015 को 'गीता' भारत आई तो उसी दिन भूकंप आया | दूसरी बार 25 दिसंबर 2015 को मोदी जी पाकिस्तान गए तो उसी रात में भूकम्प आया !तीसरी बार 2 जनवरी 2016 पाकिस्तान से आतंकवादी आए तो भूकंप आया !
आतंकवादियों के आने पर भूकंप आने का मतलब था कि भारत में आतंकी हमला हुआ है इसलिए भारत क्रोध में आकर कहीं शांति और सद्भावना के प्रयासों से पीछे न हट जाए इसलिए इस भूकंप का प्रयोजन था कि अभी आपसी भरोसा किया जाना चाहिए !
चूँकि इस प्रजाति के भूकंप प्रबल वर्षाकारक होते हैं इसलिए इन तीनों भूकम्पों में सबसे प्रबल और मुख्यभूकंप था 26-10-2015 वाला !इसलिए 29-10-2015 को ही आकाश में घटाएँ घिर आई थीं और लगातार 60 दिनों तक तमिलनाडु में वर्षा होती रही थी !भूकंप का अधिक असर दो महीने तक रहता है और सामान्य असर 6 महीने तक रहता है इसलिए ऐसा हुआ | इसमें एक बात ध्यान देने की ये है कि तमिलनाडु में तो भूकंप आया नहीं तो वर्षा वहाँ क्यों हुई ?वस्तुतः जब कोई प्रबल भूकंप आता है जो काफी बड़ा क्षेत्र घेरे होता है उसमें इसी घटनाएँ स्थान का कुछ अतिक्रमण कर जाती हैं क्योंकि अतिवर्षा समुद्र और नदियों के किनारे होनी थी ये कारण भी हो सकता है |
देखने में भले ही ये सब महज एक संयोग लगे किंतु इन भूकंपों के विषय में प्राचीन विज्ञान की दृष्टि से अध्ययन करने पर ये पता लगता है कि इन भूकंपों के आने के 6 मास बाद तक इनके अच्छे बुरे फल होते रहते हैं यद्यपि जैसे जैसे समय बीतता जाता है वैसे वैसे भूकंपों का प्रभाव भी घटता जाता है इसीलिए एक जैसे भूकंप एक ही स्थान पर अगर बार बार रिपीट होते जा रहे हैं तो इनका कोई महत्वपूर्ण संकेत होता है विशेष परिस्थितियों में ही ऐसा होते देखा जाता है।
दो जनवरी को आने वाला भूकंप मात्र इस बात का संकेत था कि पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने भारत को जो भयंकर चोट दी है सैनिकों के बहुमूल्य जीवन खोने पड़े हैं इस असह्य आपदा से घबड़ाकर भारत शांति के प्रयासों से अपने कदम कहीं पीछे न खींच ले !इसलिए उस दिन आए भूकंप के प्रभाव से पाकिस्तान को इतनी सद्बुद्धि आएगी कि वो भारत की भावनाओं के अनुरूप ब्यवहार करेगा !वैश्विक दृष्टि से भी पाकिस्तान पर ऐसा ही दबाव बनाया जाएगा जिससे पाकिस्तान सरकार भारत का भरोसा जीतने का प्रयास करे
10-4-2016 को आया 'सूर्यज' भूकंप-
इससे अफगानिस्तान पाकिस्तान और पूर्वोत्तर भारत प्रभावित हुआ था तो इसका फल भी विशेष पूर्वोत्तर भारत में ही देखा जा रहा था !
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं न कोई संशोधन किया !ये है वो लेख -
"भूकंप (10-4-2016) के कारण पड़ेगा भीषण सूखा, बढ़ेंगे अग्निकांड और बिगड़ेंगे पाकिस्तान के साथ संबंध !
3-4-2016 से 10-4-2016 तक हवा में मिली हुई थी आग जो भूकंप की अग्रिम सूचना दे रही थी ।
अब जानिए क्या है भूकम्प का फल -
अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ और अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय वायुमण्डल में व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है । इसके अलावा इस समय दिशाओं में जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती हैं ।
इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि अबकी बार बहुत जल्दी ही सूखते चले जाएँगे !यहीं से शुरू होकर भारत और पकिस्तान के मध्य आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन अत्यंत तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे निकट भविष्य में भारत पाक के बीच आपसी सम्बन्धों में कटुता इतनी अधिक बढ़ती चली जाएगी कि अभी से सतर्कता बरती जानी बहुत आवश्यक है ।इसलिए उचित होगा कि भारत पड़ोसी देश पर कम से कम अक्टूबर 2016 तक विश्वास करना बिलकुल बंद कर दे पड़ोसी के द्वारा कभी भी कैसा भी कोई भी विश्वासघात संभव है !
इतना ही नहीं अपितु इस भूकंप के दुष्प्रभाव से शरीर में जलन की बीमारियाँ बढ़ेंगी, तरह तरह के ज्वर फैलेंगे बिचर्चिका और बिसर्पिका जैसी त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ एवं पीलिया रोग निकट भविष्य में बहुत अधिक बढ़ जाने की सम्भावना है !सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग ओर से इस दिशा में विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए !इसका विशेष दुष्प्रभाव अभी से लेकर अक्टूबर 2016 तक रहेगा किंतु जैसा जैसा समय बीतता जाएगा वैसा वैसा घटता जाएगा दुष्प्रभाव !"
इसमें विशेष बात ये है कि वैदिक विज्ञान के द्वारा की गई ये भविष्यवाणियाँ और पूर्वानुमान मुझे तो बिल्कुल सही हुए दिख रहे हैं क्योंकि आग लगने की घटनाएँ इस भूकंप के तुरंत बाद अचानक बहुत अधिक घटने लगी थीं इसी कारण तो बिहार जैसे राज्यों में दिन में हवन करने एवं खाना बनाने को रोकने की सलाह सरकारी स्तर पर दी जाने लगी थी हजारों जगह आग लगनी अचानक शुरू हो गई थी ! 9\10 अप्रैल 2016 की रात 3 बजे केरल के मंदिर में लगी आग, 110 से अधिक की मौत हुई और 350 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे !ऐसी अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ हजारों जगह घटी थीं !गर्मी भी बहुत अधिक बढ़ गई थी और दो सप्ताह के अंदर अचानक कुएँ नदी तालाब आदि या तो सूख गए थे या उनका पानी बहुत अधिक घट गया था एक गाँव के लोगों ने गाँव छोड़कर खेत केवल इसलिए रहना शुरू कर दिया कि उस कुएँ में बहुत अधिक पानी था किंतु एक सप्ताह के अंदर ही वो कुआँ सूख गया ! पानी के लिए ट्रेन चलानी पड़ी थी उसी समय एक दो सप्ताह के अंदर अंदर ही सूखने लगे थे बड़े बड़े जलाशय ! गर्मी से फैलने वाली बीमारियाँ अचानक तेजी से बढ़ने लगीं थीं !इतना ही नहीं 26 -10 -2015 के भूकंप के प्रभाव से चले आ रहे पडोसी देश पकिस्तान के साथ सहजता की ओर बढ़ते संबंध 10-4-2016 के बाद कटुता पूर्ण होने लग गए थे और आगामी 6 महीने तक निरंतर बिगड़ते ही चले गए थे !ये 'सूर्यज' भूकंप का ही उग्र प्रभाव था अथवा ये कह लिया जाए कि इस प्रकार का प्राकृतिक सामाजिक आदि वातावरण बनना था इसलिए भूकंप ने इसकी अग्रिम सूचना दी !
13 -4-2016 को आया 'चन्द्रज' भूकंप !
इसका केंद्र म्यांमार था किंतु पूर्वोत्तर भारत समेत बहुत बड़े भूभाग को इस भूकंप ने प्रभावित किया था
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख -
"भूकंप (13 -04-2016) के प्रभाव से भारत और चीन के आपसी संबंध होंगे मधुर !
13 -04-2016 को 19. 28 बजे देश के पूर्वोत्तर में आया था भूकंप ! इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में अति शीघ्र अधिक वर्षा बाढ़ से हो सकती भारी क्षति !जबकि समाज में व्याप्त असंतोष एवं आपसी बैर विरोध की भावना घटेगी और भाईचारे का वातावरण बनेगा !विशेष बात यह है कि इस भूकंप में आफ्टर शॉक्स नहीं आतेहैं !
10-4-2016 को आए भूकंप से जो जो हानियाँ होती दिख रहीं थीं13-04-2016को आए भूकंप से वो सबकुछ सामान्य होते दिख रहा है इस भूकंप के द्वारा प्रकृति ने अपने को संतुलित किया है इस भूकंप का ये सबसे बड़ा लाभ है!भारत वर्ष के दक्षिणी पश्चिमी क्षेत्रों में जहाँ (10-4-2016) के भूकंप प्रभाव से भीषण सूखा पड़ेगा , अग्निकांड बढ़ेंगेऔर पाकिस्तान के साथ संबंध बिगड़ेंगे!गरमी संबंधी बीमारियाँ बढेंगी, वहीँ दूसरी ओर देश के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में13-04-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से अधिक वर्षा की संभावना है और भारत के पूर्वोत्तर के पड़ोसी देशों के साथ संबंध मधुर होंगे और उन्हीं क्षेत्रों में अधिक वर्षा की भी सम्भावना बनती है ।
13-04-2016 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ - बंधुओ ! किसी भी भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सद्भावना का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत चीन संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत चीन संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का भूकंप के रूप में प्रकटीकरण माना जाना चाहिए ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है ।
दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों में आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !
तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँअतिवृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।
10-4-2016 को आए भूकंप से बिलकुल बिपरीत अर्थात उलटे लक्षणों वाला है 13 -04-2016को आया भूकंप !इन दोनों भूकंपों के फलों में भी आकाश पाताल का अंतर होगा ! दोनों ही भूकंप अपने अपने क्षेत्रों में दिखाएँगे अपना अपना दम ख़म !"
इस भूकंप के बाद चीन के साथ भारत के संबंधों में भी मधुरता आई थी साथ ही पूर्वी भारत के पूर्वी जिलों में कुछ महीनों तक लगातार भारी वर्षा और बाढ़ की स्थिति बनी रही थी !यद्यपि वर्षा और बाढ़ की संभावनाएँ इस क्षेत्र में विशेष रहती ही हैं फिर भी भूकंपजनित फलों को नकारा कैसे जा सकता है !
इन दोनों भूकम्पों के विषय में विशेष ध्यान देने योग्य बात -
10-4-2016 को आए भूकंप और 13 -04-2016को आए भूकंप में केवल तीन दिन का अंतर था जबकि एक दूसरे का फल एक दूसरे से बिल्कुल विपरीत अर्थात उल्टा था !दोनों एक साथ घटित होना कैसे संभव था !इसलिए दोनों भूकम्पों ने क्षेत्र अलग अलग चुना 10-4-2016 वाले भूकंप से अफगानिस्तान पाकिस्तान और भारत विशेष प्रभावित हुआ था जिसमें जम्मू-कश्मीर ,पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान तथा उत्तर प्रदेश में भी महसूस किए गए।जबकि 13 -04-2016को आए भूकंप का केंद्र म्यांमार था जिससे कोलकाता, गुवाहाटी, बिहार, रांची और देहरादून में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र भारत और म्यांमार था भूकंप के सबसे ज्यादा झटके उत्तर- पूर्वी भारत में महसूस किए गए हैं। त्रिपुरा के अगरतला में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।
ऐसी परिस्थिति में जिस भूकंप का जिस क्षेत्र में जैसा असर था उस भूकंप का प्रभाव भी उसी क्षेत्र में विशेष अधिक दिखाई पड़ा था जिन क्षेत्रों में भूकम्पों का मिलाजुला असर रहा उन क्षेत्रों में दोनों भूकम्पों का फल भी मिलाजुला ही दिखाई दिया |
इसके बाद इसी म्यांमार में आया दूसरा भूकंप जिसने पहले वाले भूकंप के फल को बिल्कुल बदल दिया और इसी म्यांमार में 13-4-2016 को आए भूकंप के प्रभाव से चल रही लगातार और बाढ़ को रोकने की भूकंप घोषणा हुई और भारत एवं चीन के आपसी संबंध विश्वसनीय न रहने की उद्घोषणा -
वैदिक वांग्मय के अनुशार इस भूकंप के आने का फल मैंने अपने ब्लॉग पर इस नाम से ही उसी दिन प्रकाशित कर दिया था उसके बाद वो पेज कभी खोला नहीं गया और न ही कोई संशोधन किया गया !ये है वो लेख -
पूर्वी भारत में भूकंप के झटके 24-8-2016 \ 16.5 बजे !
भूकंप का केंद्र म्यांमार में जमीन से 58 किमी. नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई। " म्यांमार से लेकर पूर्वोत्तर भारत में पश्चिम बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,बिहार ,झारखंड,उड़ीसा ,असम, अरुणाचलप्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम आदि में भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। कोलकाता, पटना, दरभंगा, गुवाहाटी और लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए।"
भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से भीषण वर्षा और बाढ़ से मची त्राहि त्राहि प्रभाव पूर्वक अब तुरंत समाप्त हो जाएगी इस भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से चली आ रही वर्षात अब तुरंत बंद हो जाएगी ! बाढ़ पे अतिशीघ्र अंकुश लग जाएगा नदियाँ कुएँ तालाब आदि बाढ़ की अतिविशाल जल राशि को अतिशीघ्र स्वयं पी जाएँगे !पूर्वी क्षेत्रों में समुद्र के समान फैला बाढ़ का यह विशाल पानी कुछ ही दिनों में अतिशीघ्र सूख कर गया कहाँ इसका अनुमान भी लगाना कठिन होगा ! भूकंप से प्रभावित बाढ़ पीड़ित प्रदेशों की असहाय सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग राहत की सांस लेगा !सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग पूर्वोत्तर भारत की जिस बाढ़ को देखकर लाचार है वह अतिशीघ्र स्वयं समाप्त हो जाएगी !यहाँ तक कि जमीन की नमी बहुत जल्दी सूख जाएगी तथा अग्नि एवं गर्मी से संबंधित प्रकोप बढ़ेंगे पित्त प्रकुपित होने से संभावित बीमारियाँ फैलेंगी !
पूर्वोत्तर भारत में असंतोष पनपेगा !यहाँ के लोग आपस में एक दूसरे के साथ हिंसक वर्ताव करने लगेंगे !चीन,बांग्लादेश आदि पर विश्वास करना भारत सरकार अविलम्ब बंद कर दे अन्यथा चीन की ओर से भारत को कभी भी कोई भी बड़ी से बड़ी चोट दी जा सकती है भारत सरकार को चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए चीनसे किसी भीप्रकार की न कोई मेल मिलाप संबंधी बात करे और न ही चीन की किसी बात पर भरोसा करे" । हमारे द्वारा अपने ब्लॉग पर लिखी गई यह वैदिक भूकंपीय सूचना भी सच साबित हुई है क्योंकि इस भूकंप के बाद वर्षा और बाढ़ अचानक घट गई थी और चीन के साथ संबंधों में भी उत्तेजना बढ़ने लग गई थी !
भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों के ठंडे पड़ने के बीच न्यूयॉर्क में 28 सितंबर 2015 सोमवार को यूएन पीसकीपिंग समिट में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दोनों नेता एक दूसरे के सामने बैठे सामना होने पर हाथ हिलाकर एक-दूसरे का
अभिवादन किया किंतु दोनों के बीच बातचीत नहीं हुई !
1. 26-10-2015 को दिन 2.30अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में आया जिसका केंद्र हिंदूकुश था ! इसी दिन अर्थात 26 अक्तूबर 2015 को ही पाकिस्तान
से गीता स्वदेश लौटी !
2. 22 नवंबर 2015 को 6:23 pm अफगानिस्तान पकिस्तान और भारत में भूकंप आया जिसका केंद्र हिंदूकुश था !
इसके बाद 30 नवंबर 2015 को भारत के प्रधानमंत्री जी से नवाजशरीफ पेरिस में मिले दोनों की चर्चा भी हुई ! दोनों लोगों की यह
मुलाकात पेरिस में जलवायुपरिवर्तन पर हो रही बैठक से अलग हुई थी !
सोमवार 7 -12-2015 को 7.2 तीव्रता का भूकंप आया !पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भी इसका असर पड़ा । 2.
3. 25(26) -12 -2015 को 0.44 बजे भूकंप की तीव्रता 6.5 थी !इसी दिन मोदी जी पाकिस्तान गए थे उसी रात्रि में भूकंप आया था !
4. 2जनवरी 2016 को 2.15 PM 5.8 तीव्रता का भूकंप आया !इसी दिन पाकिस्तान से आए आतंकवादियों ने पठान कोट हमला कर दिया
2.दिल्ली में 31-1-2018 समय दोपहर 12.35 बजे ,'सूर्यज' भूकंप आया था जिसकी तीव्रता 6 . 1 थी !इसका केंद्र अफगानिस्तान में था।
इस भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और दूसरे राज्यों में भी महसूस किए गए हैं।
हिमाचल के सभी जिला में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके पड़ोसी देश पाकिस्तान और अफगानिस्तान में
काफी तेज महसूस किए गए।
इस भूकंप के प्रभाव से 4 फरवरी को तालिबान के ठिकानों पर हमला, 12 आतंकी मारे गए !इसी दिन काबुल में
तालिबान का एंबुलेंस बम हमला, 95 लोगों की मौत! 23 फरवरी की रात्रि को अफगान मिलिट्री बेस पर तालिबानी हमले
में 22 मरे !10 फरवरी को जम्मू में आर्मी कैंप पर आतंकी हमला !
पाकिस्तान और भारत में -10-5-2018 समय 20.1 बजे ,तीव्रता 6.6 ,'सूर्यज' भूकंप !
इस भूकंप प्रभाव से पाकिस्तान की ओर से आरएसपुरा सेक्टर में फायरिंग, BSF का एक जवान शहीद 3 जख्मी ! 21 मई को
आरएसपुरा, रामगढ़ और अरनिया सेक्टर में सीमा पार से गोलाबारी, !22 मई को पाकिस्तान बॉर्डर पर युद्ध जैसे हालात, सीमा पार से
लगातार गोलाबारी में 12 लोगों की मौत; दर्जनों घायल !
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें