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प्रेस विज्ञप्ति के लिए
पहले से पूर्वानुमान पता न होने के कारण प्राकृतिक आपदाएँ जब घटित होने लगती हैं तभी पता लग पाती हैं | उनसे सुरक्षा की तैयारी हो नहीं पाती है | जिससे जनधन का बहुत नुक्सान हो जाता है ! उनके विषय में पूर्वानुमान लगाना इसलिए असंभव है क्योंकि भविष्य में झाँकने के लिए कोई विज्ञान ही नहीं है |
भारत के प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा जिस प्रकार से सूर्य चंद्र ग्रहणों के विषय में सैकड़ों वर्ष पहले पूर्वानुमान लगा लिया जाता रहा है |उसीप्रकार से प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा प्राकृतिक घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं |मैं पिछले 35 वर्षों से वर्षा आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने समेत विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं के विषय में अनुसंधानपूर्वक जो पूर्वानुमान लगाता आ रहा हूँ | वे प्रायः सही निकल रहे हैं |
इसी प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा कोरोना महामारी की सभी लहरों के विषय में आगे से आगे पूर्वानुमान लगाकर मैं पीएमओ की मेल पर भेजता रहा हूँ | उसमें कोरोना महामारी की लहरों के आने जाने की दी गई तारीखों का गूगल ग्राफ से मिलान करने पर सही घटित होता रहा है |
विशेष बात यह है कि जिस वायुप्रदूषण को बढ़ने के लिए पराली जलाने,उद्योगों,वाहनों,ईंटभट्ठों, निर्माण कार्यों आदि धुआँ धूल उड़ाने वाले कारकों को जिम्मेदार माना जाता रहा है |इसविषय में भारत के प्राचीनगणितविज्ञान के आधार पर मैंने जो अनुसंधान किए हैं |उनसे जो अनुभव प्राप्त हुए हैं | उनके आधार पर विश्वास पूर्वक कहा जा सकता है कि वायु प्रदूषण बढ़ने का एक कारण समय भी है |
वायुप्रदूषण बढ़ने के विषय जो पूर्वानुमान 13 नवंबर 2024 को मैंने पीएमओ की मेल पर भेजे थे | उनमें लिखा था | "इस वर्ष 16 नवंबर से वायु प्रदूषण विशेष रूप से बढ़ना शुरू हो जाएगा | 17,18,19 नवंबर तक वायु प्रदूषण क्रमशः बढ़ता चला जाएगा | 20 नवंबर को वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ जाएगा | उसके बाद वायु प्रदूषण कम होना शुरू हो जाएगा |' दूसरे पूर्वानुमान में लिखा है -"11 दिसंबर से वायुप्रदूषण बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा | 13,14 तक क्रमशः बढ़ता जाएगा !15 और 16 दिसंबर को वायुप्रदूषणका स्तर सबसे अधिक बढ़ा रहेगा | उसके बाद कम होना शुरू हो जाएगा | " ये दोनों पूर्वानुमान पूरी तरह सही निकले हैं | दिल्ली में 16 दिसंबर से ही स्कूल बंद किए गए हैं
इसीप्रकार से 13 नवंबर 2024 को चक्रवातों के विषय में मैंने जो पूर्वानुमान पीएमओ की मेल पर भेजे थे | उनमें 26 से 30 नवंबर 2024 में दक्षिण भारत में चक्रवात आने के विषय में जो पूर्वानुमान लगाया गया था | वो पूरी तरह सही निकला है |
ऐसे ही कुछ अन्य प्राकृतिक घटनाओं के विषय में भी मैं पीएमओ की मेल पर पूर्वानुमान भेजता आ रहा हूँ | जो प्रायः सही निकलते देखे जाते रहे हैं |
कुलमिलाकर अभी तक के अपने अध्ययनों अनुसंधानों एवं पूर्वानुमानों के आधार पर कहा जा सकता है कि अभी भी प्राचीनगणितविज्ञान के आधार पर प्राकृतिक घटनाओं में विषय में मेरे द्वारा लगाए गए पूर्वानुमान सही निकलते हैं| अभी तक के अपने अनुभव के आधार पर मैं विश्वास पूर्वक कह सकता हूँ | प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा पूर्वानुमान लगाकर प्राकृतिक घटनाओं में होने वाले जनधन के नुक्सान को कम किया जा सकता है |
आयुष मंत्रालय !
आयुर्वेद की चरकसंहिता में ग्रहों के आधार पर महामारी के विषय में पूर्वानुमान लगाने की विधि बताई गई है !उसके आधार पर कोरोनामहामारी या उसकी लहरों के आने और जाने के विषय में जो पूर्वानुमान लगाए गए हों,वे हमें उपलब्ध करवाएँ !
स्वास्थ्य मंत्रालय
भारत में कोरोनामहामारी आने और जाने के विषय में सरकार को कब कब पता लगा ?
कोरोनामहामारी की किस लहर के आने और जाने के विषय में कब पता लगा !
स्वास्थ्य मंत्रालय
कोरोना महामारी के पैदा होने या संक्रमण बढ़ने में वायु प्रदूषण बढ़ने का कितना योगदान था ?
तापमान घटने से महामारी संबंधी संक्रमण बढ़ता था और तापमान बढ़ने से महामारी संबंधी संक्रमणकम होता था |
कोविड नियमों का पालन करने से कोरोना संक्रमण रोकने में मदद मिलती थी !
इनसे संबंधित जो जानकारी सरकारी रिकार्ड में हो वो उपलब्ध कराएँ !
मानव संसाधन मंत्रालय
भविष्य की घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाने के लिए ज्योतिषशास्त्र सरकारी संस्कृत विश्वविद्यालयों में ज्योतिष का पठन पाठन कराया जाता है | उनमें ज्योतिषशास्त्र को पढ़ाने वाले ज्योतिष के विद्वान रीडर प्रोफेसरों ने ज्योतिष के विज्ञान के द्वारा कोरोना महामारी आने के विषय में पूर्वानुमान अवश्य लगाए होंगे !
ज्योतिष के विद्वान रीडरों प्रोफेसरों के द्वारा कोरोना महामारी आने के विषय में सरकार को पूर्वानुमान कब बताए गए थे ?
कोरोना महामारी की किस किस लहर के आने और जाने के विषय में सरकार को पूर्वानुमान कब कब बताए गए थे ?
महामारी समाप्त होने के विषय में उनके द्वारा सरकार को क्या पूर्वानुमान कब उपलब्ध करवाया गया !
मानव संसाधन मंत्रालय
प्राचीन काल में प्राकृतिक आपदाओं एवं महामारियों के निवारण के लिए जिन यज्ञों अनुष्ठानों को करवाकर ऐसी आपदाओं से मनुष्यों की रक्षा कर ली जाती रही है | उन्हीं विषयों को सरकारी संस्कृत विश्वविद्यालयों के वेद आगम आदि विभागों में पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ाया जाता है |
कोरोना महामारी से मनुष्यों की सुरक्षा के लिए सरकारी स्तर पर क्या कोई वेद एवं आगम से संबंधित यज्ञ अनुष्ठान आदि किए गए थे ?
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