प्राचीनकाल में राजा लोग ज्योतिषियों से मौसम या महामारी जैसी घटनाओं के विषय में भविष्यवाणी करवाया करते थे !जिनके द्वारा की गई किन्ही 5 भविष्यवाणियों में तीन भी सही निकल जाती थीं उन्हें ज्योतिषी मान लिया जाता था !जिनकी 5 में से पाँचों भविष्यवाणियाँ सही निकलती थीं उन्हें राज ज्योतिषी मान लिया जाता था ! इसी कसौटी पर ज्योतिषियों को आज भी कसा जाना चाहिए !जिन्होंने किसी प्रमाणित विश्व विद्यालय से ज्योतिष शास्त्र में कोई डिग्री लेकर उसके बाद ज्योतिष शास्त्र से संबंधित अनुसंधान अभ्यास अनुभव भी किए होंगे होगी उन्हें कंप्यूटर की कुण्डलियाँ पूरी तरह सही नहीं होती हैं ,इसलिए आपके द्वारा भेजी गई किसी भी डेट ऑफ बर्थ की कुंडली पुराने पंचागों से बनवा कर देखनी होती है | इसीलिए तुरंत बताना संभव नहीं होगा | जिसका चार्ज 1100 रूपए रखा गया है !किसी को भी अपनी कुंडली दिखाने के लिए जन्म तारीख महीना वर्ष जन्म समय और बीते जीवन की किन्ही दो घटनाओं के साथ अपने प्रश्नों को लिखकर भेजना होता है |अच्छी प्रकार से कुंडली देख लेने के बाद शीघ्र ही ...
संदेश
सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
suktiyaan
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
परिश्रमी लोगों को सुबह जागने के लिए अलार्म नहीं लगाना पड़ता ! उन्हें उनकी जिम्मेदारियाँ जगाती हैं ग अपने सपनों को साकार करने के लिए सोते ही ही नहीं हैं !उन्हें मेहनती इंसान को अलार्म नहीं, जिम्मेदारियां जगाती है! सफलता के लिए संघर्ष करो किंतु इतना याद रखो कि जो पाना चाहते हो वो पाकर क्या प्रसन्न रह पाओगे ! क्या अपने लिए ख़ुशी ही न मिली तो ऐसी सफलता किस काम की ! जो गरीबों से भी नीचे गिरा दे !प्रसन्न तो वे भी रह लेते हैं ! स्वजनों को गले लगा पाओगे समाजके लिए कुछ अच्छा कर पाओगे ! नहीं मिलती नहीं जो आप सोचते हैं सफलता जिसमें आप प्रसन्न रह सकते हैं | सबको खुश रखने के सपने ही क्यों देखना,अपनों में कुछ ऐसे लोग भी हैं जिन्हें तुम खुश रखना चाहोगे!वे तुम्हें परेशान देखना चाहते होंगे ! किसी को शूली पर लटकाकर तुम खुश नहीं रह सकते कुछ अपने ही हमें दुखी देखकर खुश होना चाहते हैं !वे भी तुम्हारे अपने ही हैं ! उनके लिए शूली पर लटक जाना ! अपनों में कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें सबकुछ देकर भी प्रसन्न नहीं रख सकते ! हो फिर किसी को प्रसन्न करने का...
वैज्ञानिक होने के नाते आपसे अपेक्षाएँ हैं !
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
वर्तमान समय में विज्ञान उन्नति के शिखर पर है | वैश्विक स्तर पर बड़े बड़े वैज्ञानिकों के समूह ऐसी समस्याओं को समझने एवं उनका समाधान निकालने में लगे हुए हैं किंतु यह दुर्भाग्य ही है कि समाधान निकालना तो दूर उनके द्वारा ऐसी घटनाओं को समझना भी संभव नहीं हो पाया है| ऐसी घटनाओं के विषय में उनके द्वारा जो समझा गया उसके आधार पर जो अनुमान पूर्वानुमान आदि लगाए गए वे सही नहीं निकले | इससे समाज में ये संदेश गया कि ऐसे अनुमानों पूर्वानुमा नों को लगाने के लिए जो आधार चुने गए थे | वे सही नहीं थे | उनके द्वारा ऐसी घटनाओं को समझने के लिए जहाँ तक वैज्ञानिकपहुँच बनाई जा सकी | उसे गणित विज्ञान की कसौटी पर कैसा जाए तो वास्तविकता उनकी पहुँच के विपरीत दिशा में उनसे बहुत दूर खड़ी थी | उस सच्चाई को खोजने का एक मात्र उपाय यही था कि अनुसंधानों के द्वारा जितनी भी जानकारी मिली थी उसके आधार पर महामारी के विषय में अनुमान पूर्वानुमान लगाए जाते यदि वे सही निकलते तब तो महामारी संक्रमण से मुक्ति दिलाने या बचाव के लिए औषधि टीके आदि उसी ज...