प्राचीनकाल में राजा लोग ज्योतिषियों से मौसम या महामारी जैसी घटनाओं के विषय में भविष्यवाणी करवाया करते थे !जिनके द्वारा की गई किन्ही 5 भविष्यवाणियों में तीन भी सही निकल जाती थीं उन्हें ज्योतिषी मान लिया जाता था !जिनकी 5 में से पाँचों भविष्यवाणियाँ सही निकलती थीं उन्हें राज ज्योतिषी मान लिया जाता था ! इसी कसौटी पर ज्योतिषियों को आज भी कसा जाना चाहिए !जिन्होंने किसी प्रमाणित विश्व विद्यालय से ज्योतिष शास्त्र में कोई डिग्री लेकर उसके बाद ज्योतिष शास्त्र से संबंधित अनुसंधान अभ्यास अनुभव भी किए होंगे होगी उन्हें कंप्यूटर की कुण्डलियाँ पूरी तरह सही नहीं होती हैं ,इसलिए आपके द्वारा भेजी गई किसी भी डेट ऑफ बर्थ की कुंडली पुराने पंचागों से बनवा कर देखनी होती है | इसीलिए तुरंत बताना संभव नहीं होगा | जिसका चार्ज 1100 रूपए रखा गया है !किसी को भी अपनी कुंडली दिखाने के लिए जन्म तारीख महीना वर्ष जन्म समय और बीते जीवन की किन्ही दो घटनाओं के साथ अपने प्रश्नों को लिखकर भेजना होता है |अच्छी प्रकार से कुंडली देख लेने के बाद शीघ्र ही ...
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सितंबर, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
suktiyaan
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पुरुषों को शरीरबल और नारियों को संकल्प बल देकर ईश्वर ने भेजा है |उसी संकल्प बल से नारियों ने बड़े युद्ध लड़वाकर समाज की धारा हमेंशा बदली है |वे यदि पुरुषों की बराबरी कर भी लेंगी तो क्या मिलेगा !उन्हें अपने उसी संकल्प बल से एक बार फिर समाज की धारा फिर बदल देनी चाहिए ,ताकि समाज रहने लायक बन सके ! संबंध और संतानें तो पशुओं में भी होते हैं किंतु विवाह नहीं होते !इसलिए विवाह का अर्थ केवल पति पत्नी का संबंध ही नहीं है आपसी स्नेह और विश्वास भी है |बहू को सास ससुर का स्नेह न मिले और सास ससुर को बहू का तो कैसा विवाह ! किसी बेटे को मातापिता का पक्षपात यदि कुआँरेपन पर ही लगने लगे तो पक्षपात और विवाह के बाद लगे तो विश्वासघात ! जब उन्हें जरूरत लगी तब ऐसा ! संसार उतना बेकार नहीं है जितना इसे बदनाम किया गया है ! इस संसार में रहना सीख लिया जाए तो ऋषियों मुनियों महापुरुषों की तरह हम भी अपना जीवन बना सकते हैं महापुरुष भी इन्हीं माताओं से पैदा होते हैं, इसी समाज में पलते बढ़ते हैं उन्हें भी दुनियाँ ने ऐसे ही सुख दुःख दिए थे !जीने का...
वैज्ञानिक होने के नाते आपसे अपेक्षाएँ हैं !
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वर्तमान समय में विज्ञान उन्नति के शिखर पर है | वैश्विक स्तर पर बड़े बड़े वैज्ञानिकों के समूह ऐसी समस्याओं को समझने एवं उनका समाधान निकालने में लगे हुए हैं किंतु यह दुर्भाग्य ही है कि समाधान निकालना तो दूर उनके द्वारा ऐसी घटनाओं को समझना भी संभव नहीं हो पाया है| ऐसी घटनाओं के विषय में उनके द्वारा जो समझा गया उसके आधार पर जो अनुमान पूर्वानुमान आदि लगाए गए वे सही नहीं निकले | इससे समाज में ये संदेश गया कि ऐसे अनुमानों पूर्वानुमा नों को लगाने के लिए जो आधार चुने गए थे | वे सही नहीं थे | उनके द्वारा ऐसी घटनाओं को समझने के लिए जहाँ तक वैज्ञानिकपहुँच बनाई जा सकी | उसे गणित विज्ञान की कसौटी पर कैसा जाए तो वास्तविकता उनकी पहुँच के विपरीत दिशा में उनसे बहुत दूर खड़ी थी | उस सच्चाई को खोजने का एक मात्र उपाय यही था कि अनुसंधानों के द्वारा जितनी भी जानकारी मिली थी उसके आधार पर महामारी के विषय में अनुमान पूर्वानुमान लगाए जाते यदि वे सही निकलते तब तो महामारी संक्रमण से मुक्ति दिलाने या बचाव के लिए औषधि टीके आदि उसी ज...