mahamari
समयविज्ञान महामारी मौसम और ग्रहगणितविज्ञान ! दो शब्द भूकंप आँधी तूफ़ान सूखा बाढ़ जैसी हिंसक प्राकृतिक आपदाएँ दिनोंदिन बढ़ते देखी जा रही हैं | उनसे प्रतिवर्ष जनधन का बहुत नुक्सान होता ही है | कोरोना जैसे महामारी आई इससे वर्षों तक जनधन का बहुत बड़ा नुक्सान होता रहा है | इसके अतिरिक्त मनुष्यकृत उपद्रवों आंदोलनों दंगों आदि में बहुत जनधन का नुक्सान होते देखा जाता है | छोटी छोटी बातों पर बड़े बड़े तनाव तैयार करके लोग हत्या आत्महत्या करने पर उतारू हो जाते हैं | वर्तमानसमय में देखा जा रहा है कि लोग उठते बैठते हँसते खेलते नाचते कूदते बोलते बताते या बैठे बैठे मृत्यु को प्राप्त होते देखे जा रहे हैं | ऐसी और भी बहुत सारी घटनाएँ घटित होते देखी जा रही हैं | समय निरंतर बदलता रहता है | कभी अच्छा और कभी बुरा समय होता है |अच्छे समय में तो सब कुछ अच्छा अच्छा होता है ,जबकि बुरा समय प्रारंभ होते ही प्राकृतिक वातावरण बिषैला होने लगता है | बुरे समय के प्रभाव से प्रकृति स्वयं ही हिंसक होने ल