महामारी की आगामी लहर के विषय में पूर्वानुमान निवेदन हेतु |
माननीय प्रधानमंत्री जी ! सादर नमस्कार विषय : महामारी की आगामी लहर के विषय में पूर्वानुमान निवेदन हेतु | महोदय, मैं प्राकृतिक वातावरण में हो रहे छोटे बड़े सभी परिवर्तनों को निरंतर बहुत सूक्ष्म दृष्टि से देखता आ रहा हूँ | प्राकृतिक वातावरण में हो रहे बदलाव अत्यंत डरावने संकेत दे रहे हैं !जिनके विषय में सोचकर पृथ्वी काँप रही है | इसीलिए भारत में उत्तर से दक्षिण तक बार बार भूकंप आते देखे जा रहे हैं |प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए तो आकाश से पाताल तक हो रहे परिवर्तनों के कारण वातावरण एक बार फिर बिषैला होते दिख रहा है | 17 दिसंबर 2024 से ही बिषाणुओं का बढ़ना प्रारंभ हो चुका है | स्वर शास्त्र के आधार पर इसका गणितीय अनुसंधान करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि स्वरों का संचार अपनी प्रवृत्ति के विपरीत हो रहा है |ऐसे और भी छोटे बड़े अनेकों परिवर्तनों को प्रकृति के प्रत्येक अंश में उभरते देखा जा रहा...