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महामारी की आगामी लहर के विषय में पूर्वानुमान निवेदन हेतु |

  माननीय प्रधानमंत्री जी !                             सादर नमस्कार   विषय : महामारी की आगामी लहर के विषय में पूर्वानुमान निवेदन हेतु |  महोदय,       मैं प्राकृतिक वातावरण में हो रहे छोटे बड़े सभी परिवर्तनों को निरंतर बहुत सूक्ष्म दृष्टि से देखता आ रहा हूँ | प्राकृतिक वातावरण में हो रहे बदलाव अत्यंत डरावने  संकेत दे रहे हैं !जिनके विषय में सोचकर पृथ्वी काँप रही है | इसीलिए भारत में उत्तर से दक्षिण तक बार बार भूकंप आते देखे जा रहे हैं |प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए तो आकाश से पाताल तक  हो रहे परिवर्तनों के कारण वातावरण एक बार फिर बिषैला होते दिख रहा है | 17 दिसंबर 2024 से ही बिषाणुओं का बढ़ना प्रारंभ हो चुका है |  स्वर शास्त्र के आधार पर इसका गणितीय अनुसंधान  करने से ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि स्वरों का संचार अपनी प्रवृत्ति के विपरीत हो रहा है |ऐसे और भी छोटे बड़े अनेकों परिवर्तनों को प्रकृति के प्रत्येक अंश में उभरते देखा जा रहा...

Samay Time 2-3-25

  दो शब्द                    समय दो प्रकार का होता है|एक प्राकृतिक समय और दूसरा व्यक्तिगत समय ! प्राकृतिक समय  सृष्टि के आरंभकाल से प्रारंभ होता है और सृष्टि पर्यंत रहता है,जबकि व्यक्तिगत समय सबका अपना अपना होता है | ये प्रत्येक व्यक्ति के जन्मसमय  से प्रारंभ होता है और मृत्यु पर्यंत रहता है |जिसप्रकार से सूर्य के अस्त होने का समय सूर्य के उदय होने के समय के आधार पर ही निश्चित हो जाता है | ऐसे ही प्रत्येक व्यक्ति की मृत्यु का समय उसके जन्म के समय के  आधार पर ही  निश्चित हो जाता है | प्रत्येक संबंध के टूटने का समय उसके जुड़ने के समय के अनुसार ही निश्चित होता है | प्रत्येक रोग के समाप्त होने का समय उसके शुरू होने के समय के आधार पर ही निश्चित होता है | प्रत्येक पद प्रतिष्ठा छूटने का समय उसके मिलने के समय के अनुशार ही निश्चित होता है |  प्राचीनकाल से  चले आ रहे मुहूर्त विज्ञान अर्थात शुभ समय को देखने का अभिप्राय यही था कि जिस कार्य को शुभ समय में  सुख शांति पूर्वक शुरू किया जाएगा |उसकी समाप्ति भी स...