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प्रेस विज्ञप्ति के लिए पहले से पूर्वानुमान पता न होने के कारण प्राकृतिक आपदाएँ जब घटित होने लगती हैं तभी पता लग पाती हैं | उनसे सुरक्षा की तैयारी हो नहीं पाती है | जिससे जनधन का बहुत नुक्सान हो जाता है ! उनके विषय में पूर्वानुमान लगाना इसलिए असंभव है क्योंकि भविष्य में झाँकने के लिए कोई विज्ञान ही नहीं है | भारत के प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा जिस प्रकार से सूर्य चंद्र ग्रहणों के विषय में सैकड़ों वर्ष पहले पूर्वानुमान लगा लिया जाता रहा है |उसीप्रकार से प्राचीनगणितविज्ञान के द्वारा प्राकृतिक घटनाओं के विषय में पूर्वानुमान लगाए जा सकते हैं | मैं पिछले 35 वर्षों से वर्षा आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने समेत विभिन्न प्राकृतिक घटनाओं के विषय में अनुसंधानपूर्वक जो प...