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31-7-2024 महामारी आगमन की आहट पहले ही लग गई थी !जानवरों का आतंक -मौसम में बड़े बदलाव

                   दो शब्द     प्रकृति और जीवन को समझने में गणित विज्ञान सक्षम है |     प्राचीन विज्ञान वेत्ताओं का मानना है कि महामारी एवं मौसमसंबंधी घटनाओं के विषय में अनुमान या पूर्वानुमान लगाना  केवल गणितविज्ञान के द्वारा संभव है | इसीलिए प्राचीन काल में मौसम एवं महामारी जैसी घटनाओं को समझने के लिए केवल गणित विज्ञान का ही सहारा लिया जाता था |वस्तुतः मौसम और महामारियों का कारक सूर्य को माना जाता है | इसलिए सूर्य के संचार को ठीक ठीक समझकर उसी के आधार पर मौसम एवं महामारी जैसी घटनाओं के विषय में अनुमान या पूर्वानुमान लगा लिया जाता है |      सूर्य सिद्धांत जैसे अनेकों आर्ष ग्रंथों में प्रकृति एवं जीवन को समझने के लिए गणित के सूत्रों का उपयोग किया गया है | गणित के द्वारा सूर्य आदि ग्रहों के संचार के विषय में अनुमान या पूर्वानुमान लगाने की प्रक्रिया बताई गई है | उसी पद्धति से पृथ्वी सूर्य चंद्र आदि के एक सीध में आने के विषय में सही सटीक अनुमान या पूर्वानुमान आदि लगाकर गणित के द्वारा ही सूर्य चंद्रग्रहणों का भी सही सही पूर्वानुमान लगा लिया जाता है |      ऐसी परिस्थिति मे